Jabalpur. जबलपुर में शराब कारोबारियों का सिंडिकेट काफी फल-फूल रहा है, आधे से ज्यादा शराब ठेकेदारों ने गठजोड़ कर अपना सिंडिकेट बना लिया है। सिंडीकेट की शराब दुकानों में एमआरपी से ज्यादा दाम पर शराब बेची जा रही है। यही नहीं सिंडिकेट के व्यापारी उन शराब ठेकेदारों को प्रताड़ित कर रहे हैं जो उनके ग्रुप में शामिल नहीं हैं। यह बात खुद बीजेपी के विधायक कह रहे हैं, पनागर विधायक सुशील तिवारी इंदु ने कलेक्टर को चिट्ठी लिखी है, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने नई शराब नीति छोटे और मंझौले शराब कारोबारियों के हित के लिए लागू की थी, लेकिन जबलपुर में इसका फायदा शराब सिंडिकेट उठा रहा है।
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सिंडिकेट की वजह से हो रही शासन की बदनामी
विधायक ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि शराब सिंडिकेट की दुकानों पर लोगों से एमआरपी से भी 50-60 रुपए महंगी शराब बेची जा रही है और आबकारी विभाग हाथ पर हाथ धरा बैठा है। विभाग की इस उदासीनता से प्रदेश सरकार की बदनामी हो रही है। वहीं जो शराब कारोबारी सिंडिकेट में शामिल नहीं हैं उन्हें किसी न किसी तरह से प्रताड़ित करने का काम हो रहा है और आबकारी विभाग चुप्पी साधे है।
10 दुकानों पर हुई थी कार्रवाई
बता दें कि पिछले दिनों जबलपुर में एमआरपी से अधिक दाम पर शराब बेचने वाली दुकानों पर कार्रवाई की गई थी। आबकारी विभाग की ओर से नोटिस जारी किए गए थे। हालांकि अब इस कार्रवाई को महज दिखावा माना जा रहा है। शराब सिंडिकेट के सदस्यों ने उक्त नोटिसों को धता बताकर अपनी मनमानी जारी रखी है। यही नहीं शराब के खरीददारों को ये दुकानदार पक्का बिल देने में भी आनाकानी कर रहे हैं। जाहिर है पक्का बिल दिया जाएगा तो उनकी मनमानी सामने आ जाएगी।