Jabalpur. जबलपुर हाईकोर्ट में लंबे समय बाद पिछड़ा वर्ग को 27 फीसद आरक्षण दिए जाने के मामले में अंतिम सुनवाई शुरू हुई थी। लेकिन सुनवाई कर रही वर्तमान बेंच को लेकर लगाई गई आपत्ति के चलते मामले पर सुनवाई टल गई। अब इस मामले की सुनवाई 24 अप्रैल को होगी। ओबीसी, एससी-एसटी एकता मंच की ओर से अधिवक्ता उदय कुमार ने चीफ जस्टिस के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत कर कहा कि वर्तमान बेंच को ओबीसी आरक्षण के प्रकरणों को सुनने का अधिकार नहीं है। आवेदन में बताया गया कि 16 अगस्त 2022 को जस्टिस शील नागू और जस्टिस डीडी बंसल की बेंच ने मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया था।
दरअसल ओबीसी प्रकरणों की सुनवाई के लिए जस्टिस शील नागू और जस्टिस वीरेंद्र सिंह की विशेष बेंच गठित की गई थी। पिछले दिनों जस्टिस वीरेंद्र सिंह की सेवानिवृत्ति होने के बाद मंगलवार को दोबारा जस्टिस नागू के साथ जस्टिस बंसल के समक्ष मामले पर सुनवाई हुई। उन्होंने ओबीसी प्रकरणों की सुनवाई के लिए पुनः नई बेंच गठित करने की मांग की।
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आवेदन पर विचार करने के बाद चीफ जस्टिस रवि मलिमठ ने अधिवक्ता उदय कुमार को तत्काल रजिस्ट्रार जनरल को आवेदन प्रस्तुत करने कहा। अधिवक्ता ने आवेदन भी पेश कर दिया है। अब प्रशासनिक स्तर पर नई बेंच के संबंध में आदेश जारी होंगे।
बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार ने समस्त भर्तियों में ओबीसी को 27 फीसद आरक्षण दिए जाने का फैसला लिया था, जिस पर अदालत ने इस फैसले से 50 फीसद आरक्षण की लक्ष्मण रेखा प्रभावित होने की बात कहकर फैसले पर रोक लगा रखी है। जिस पर विभिन्न याचिकाएं भी दाखिल की जा चुकी हैं, जिन पर निर्णय होना शेष है।
एनसीएल में फर्जी नियुक्ति पर करो कार्रवाई
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नॉदर्न कोल लिमिटेड सिंगरौली में फर्जी नियुक्ति के मामले में सुनवाई करते हुए 30 दिन के भीतर कार्रवाई कर सूचना पेश करने के निर्देश कोल माइन्स विभाग के प्रमुख सचिव और जनरल मैनेजर विजिलेंस एनसीएल को दिए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि ऐसा नहीं होने पर याचिकाकर्ता अनावेदकों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई के लिए याचिका दायर करने स्वतंत्र होगा।