Jabalpur. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। इसी कड़ी में जबलपुर प्रवास पर पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने प्रदेश में सत्ताधारी बीजेपी की शिवराज सरकार और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पर जमकर निशाना साधा है। गोविंद सिंह बोले कि शिवराज सिंह चौहान और वीडी शर्मा पहले जनता को अपने किए कार्यों का हिसाब दें, जनता उनसे पूछ रही है कि उन्होंने अब तक क्या किया? गोविंद सिंह ने सीधे टारगेट करते हुए कहा कि भाजपा की शिवराज सरकार पूरी तरह भ्रष्ट सरकार है। ऐसा कोई विभाग नहीं है, जहां भ्रष्टाचार नहीं हो रहा है, जनता त्रस्त हो चुकी है।
ससुर को बनवाया वीसी, क्या यह नहीं है भ्रष्टाचार
गोविंद सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान और वीडी शर्मा को विपक्ष से सवाल करने के पहले खुद अपना गिरेबां झांकना चाहिए। यह तो वही स्थिति हुई कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। गोविंद सिंह ने आगे कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा खुद भ्रष्टाचार में किस तरह से लिप्त हैं, इसकी बानगी सबके सामने हैं कि जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में कई योग्य प्रोफेसर होते हुए उन्होंने अपने ससुर को वाइस चांसलर बनवाया। क्या यह भ्रष्टाचार की श्रेणी में नहीं आता? इसके अलावा खजुराहो में उनके सांसद प्रतिनिधि किस स्तर पर भ्रष्टाचार कर रहे हैं? और वह क्या थे? और अब क्या हो चुके हैं? यह सब को नजर आ रहा है। जनता से कोई बात छुपी नहीं है यह बात शिवराज सिंह चौहान और वीडी शर्मा को समझना चाहिए।
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तरुण भनोत ने नोटबंदी पर लगाई क्लास
पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने कहा की भारत में नोट बंदी को लेकर पहले भी छोटे व्यापारियों और कई लोगों की जान तक गई। नोटबंदी को लेकर पहले भी बगैर सोचे समझे निर्णय लिया गया, जिसका कांग्रेस में पुरजोर विरोध किया था। कहा गया था कि 1000 के नोट इसलिए बंद कर रहे हैं कि भ्रष्टाचार खत्म होगा, 2000 के नोट से क्या भ्रष्टाचार खत्म नहीं होता। कांग्रेस ने इस बात को उस समय भी उठाया था, जो आज इन्हें समझ आई।
तरुण भनोट ने कहा कि भारत में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जैसे अर्थशास्त्री हैं। जिनसे सलाह लेकर यह फैसले किए जा सकते हैं, लेकिन इस तरह के निर्णय बगैर सोचे समझे कर लिए गए। जिसका परिणाम आम जनता को भुगतना पड़ा। उल्लेखनीय है कि नोट बंदी को लेकर क्या हालात सामने आए थे, यह सभी ने देखा है वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां 500 और 1000 के नोट बंद करने को लेकर ऐलान किया था,जिससे पूरे देश में हलचल मच गई थी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 के नोट बंद करने की अधिकारिक घोषणा की है। आम नागरिकों को 30 सितंबर 2023 तक जमा करने का अवसर भी दिया है। वही एक अनुमान के मुताबिक 90 फ़ीसदी लोगों ने पहले ही बैंक में 2000 के नोट जमा कर चुके हैं। आम नागरिकों को इस बात का अनुमान था इसलिए 2000 का नोट ज्यादातर चलन में ही नहीं था। यही वजह है कि इस बार हाय तौबा भी कम देखने मिल रही है। जिनके पास 2000 का नोट है, वही 30 सितंबर तक जमा करने के लिए चर्चाओं में शामिल हो रहे हैं।