संजय गुप्ता, indore. छत्तीसगढ़ के सबसे पॉवरफुल ब्यूरोक्रेट रहे और वर्तमान में गौतम अडाणी के कॉर्पोरेट ब्रांड संरक्षक अमन सिंह की 'कमाई' इंदौर और मप्र में भी लगती हुई नजर आ रही है। दरअसल, अमन सिंह ने इंदौर के वी-506 शेखर प्लेनेट में एक प्रॉपर्टी ली हुई है। यह राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण एंड एंटी करप्शन ब्यूरो छत्तीसगढ़ की जांच में सामने आई है। ब्यूरो ने इस मामले में मप्र शासन को पत्र भेजकर अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मिन सिंह, भाई असीम और उनकी पत्नी दीपा और भाई अरुण और उसकी पत्नी नीलम के नाम पर दर्ज संपत्तियों का पूरा रिकार्ड मांगा है।
मप्र शासन को भेजे पत्र में यह कहा गया है
राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण एंड एंटी करप्शन ब्यूरो छत्तीसगढ़ द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि ब्यूरो में अपराध क्रमांक 9/2020 धारा 13 (1) बी व 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत अमन कुमार सिंह व अन्य के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज है। अमन सिंह निवासी ए 3 शाहपुरा भोपाल के नाम पर या अपने परिजन यास्मिन सिंह, असीम सिंह, दीपा सिंह, अरुण सिंह, चंद्रवती सिंह, नीला सिंह के नाम पर वी- 506, शेखर प्लेनेट संपत्ति मिली है। इनके नाम पर और भी जो संपत्तियां दर्ज है तो उनकी जानकारी दी जाए।
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पत्र में सभी के पैन नंबर और आधार नंबर भी
ब्यूरो द्वारा भेजे गए पत्र में सभी छह आरोपियों के पैन नंबर और आधार नंबर की भी जानकारी दी गई है, जिससे कि पूरे मप्र में इन सभी के नाम पर दर्ज संपत्तियों की जानकारी सर्वर से खोजी जा सके।
कौन है अमन सिंह?
अमन सिंह 1995 बैच के आईआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) अधिकारी है। वह साल 2004 में छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार में सीएम रहे रमन सिंह के प्रमुख सचिव बन गए थे, वह केंद्र से डेपुटेशन पर आए थे। बाद में वह रमन सिंह के सबसे संकटमोचक और भरोसेमंद के साथ ही पॉवरफुल अधिकारी बन गए थे, उनके बिना सरकार में कुछ नहीं होता था। बाद में उन्होंने नौकरी ही छोड़ दी और प्रतिनियुक्ति से वापस केंद्र में लौटने से इनकार कर दिया। वह अडाणी ग्रुप में भी जुड़ गए और उनके कॉर्पोरेट ब्रांड संरक्षक बन गए। एनडीटीवी की खरीदी बाद अडाणी ने उन्हें इसमें डायरेक्टर भी बनाया था। लेकिन बाद में उन्होंने इससे इस्तीफा दे दिया था। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार आने के बाद उन पर कार्रवाई शुरू हुई और भ्रष्टाचार का केस हुआ।
हालांकि बाद में हाईकोर्ट में एफआईआर को शून्य कर दिया गया, लेकिन राज्य सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच होना चाहिए और फिर एफआईआर एक्टिव हो गई और जांच शुरू हो गई। इस मामले में अमन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में अपील भी लगाई थी, लेकिन सुनवाई के पहले ही उन्होंने इसे वापस ले लिया। हालांकि भ्रष्टाचार के इस केस में जांच चल रही है। लेकिन अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मिन दोनों को अग्रिम जमानत मिली हुई है।