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संजय गुप्ता, INDORE. टीम इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच 24 जनवरी को इंदौर में होने वाले वनडे मैच से पहले एमपीसीए को बड़ी राहत मिल गई है। टिकट ब्लैक होने को लेकर लगी कांग्रेस नेता राकेश यादव की याचिका सुनवाई के बाद इंदौर हाईकोर्ट बैंच ने खारिज करने के साथ ही याचिकाकर्ता पर 25 हजार की कास्ट लगाई है। हालांकि याचिकाकर्ता यादव ने कहा कि है कि वह अधिवक्ताओं से सलाह लेकर इस मामले में आगे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे, देखेंगे कि रिव्यू लगाना है या फिर सुप्रीम कोर्ट जाना है, जो भी होगा जल्द फैसला कर आगे बढ़ेंगे।
न्यूज पेपर की कटिंग नहीं चलेगी
हाईकोर्ट की डबल बैंच ने अपने आदेश में कहा है कि यह जनहित याचिका न्यूज पेपर की कटिंग के आधार पर लगाई गई है जो मैंटेनबल नहीं है। याचिका के कारण हाईकोर्ट का समय बर्बाद हुआ है, इसके चलते याचिकाकर्ता पर 25 हजार की कास्ट लगाई जाती है। एमपीसीए की ओर से तर्क दिए गए थे कि सभी टैक्स चुकाए गए हैं, कभी भी ऑडिटर ने किसी तरह की आर्थिक अनियमितता नहीं पाई है और ना ही कभी टिकट बुकिंग के दौरान साइट क्रैश हुई है और केवल एक पेपर में न्यूज छपने को आधार बनाकर यह पीआईएल लगाई गई है।
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याचिककर्ता बोले- अखबारों में सत्य ही प्रकाशित होता है
याचिकाकर्ता यादव ने कहा कि हाइकोर्ट द्वारा एमपीसीए के खिलाफ लगाई गई जनहित याचिका को खारिज करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी। हाइकोर्ट ने मीडिया में प्रसारित टिकट कालाबाजारी की खबरों का संज्ञान नहीं लिया हैं। जबकि अखबारों में सत्य खबर ही प्रिंट होती हैं जैसे आज ही कुछ टिकट कालाबाजारी करने वाले गिरफ्तार हुए यह अखबार और न्यूज के माध्यम से ही ज्ञात हुआ हैं। लेकिन हाइकोर्ट ने यह तथ्य स्वीकार नहीं किया हैं। सम्पूर्ण तथ्यों को अब सीनियर एडवोकेट की सलाह पर रिव्यू पिटीशन या सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आगामी दिनों में प्रस्तुत करके जनहित के लिए न्याय की लड़ाई जारी रहेगी।एमपीसीए में भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष जारी रहेगा।
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