संजय गुप्ता, INDORE. शहर के कुख्तात भूमाफियाओं को जिला प्रशासन किसी तरह की राहत नहीं लेने देगा। द सूत्र द्वारा निचले स्तर पर चंपू अजमेरा के पक्ष में बनी रिपोर्ट संज्ञान में आते ही कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी और अपर कलेक्टर डॉ.अभय बेड़ेकर ने एक्शन मोड में आ गए हैं। जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट में जिला प्रशासन साफ तौर पर कहने जा रहा है कि और रिपोर्ट भी देगा कि किसी ने भी पीडितों को राहत देने के लिए मदद नहीं की है और सभी की जमानत निरस्त की जाना चाहिए। इसके पहले चंपू अजमेरा द्वारा तहसील स्तर पर बनी रिपोर्ट में क्लीन चिट पाने की तैयारी कर ली थी।
चंपू के लिए बनी रिपोर्ट थी पॉजीटिव
पहले बनी रिपोर्ट में यह भी लिखा गया था कि फीनिक्स में 25 पीड़ित थे, जिन्हें रसीद दी गई थी। इनकी रजिस्ट्री नहीं थी। इनके निराकरण के लिए चंपू की पत्नी योगिता ने अंडरटेकिंग दी थी, जिसका निराकरण करते हुए 13 पीड़ितों को राशि दे दी गई है। शेष दस राशि की जगह प्लॉट चाहते हैं या बाजार मूल्य के बराबर राशि चाहते है। रितेश द्वारा बताया गया कि भूखंड नहीं है, वह जमा राशि मय ब्याज देने के लिए तैयार है। इसके लिए बैंक ड्राफ्ट बनाकर दे दिए गए हैं। एक पीड़ित की रसीद फर्जी होने की बात कही गई है।
- ये भी पढ़ें...
पीड़ितों की रजिस्ट्री नहीं कराने का है आरोप
भूमाफिया चिराग शाह जिसे पुलिस द्वारा पहले ही लगभग सभी मामलों में 420 और 406 की धारा छोड़कर अन्य धाराओं में तत्कालीन कमेटी प्रमुख एसपी आशुतोष बागरी और एएसपी शशिकांत कनकने द्वारा क्लीन चिट मिल चुकी है, उसके लिए कहा गया है कि फीनिक्स के तत्कालीन डायरेक्टर चिराग शाह के प्रतिनिधि साजिद खान को बार-बार सूचित किए जाने के बाद भी सहयोग नहीं दिया गया है। इस कारण 22 भूखंडों का निराकरण नहीं हुआ। संदीप तेल के भाई प्रदीप अग्रवाल के लिए भी लिखा गया है कि अग्रवाल के माध्यम से 23 भूखंड की रजिस्ट्री अन्य लोगों को की गई है, इनमें से 13 का कब्जा पीड़ितों को दिलाया गया, लेकिन अग्रवाल को बार-बार सूचित किए जाने के बाद भी उनके द्वारा पीड़ितों की रजिस्ट्री नहीं कराई गई है।
निराकरण की सूची में इन्वेस्टर भी
फीनिक्स के निराकरण में नीमा और सतालकर परिवार का जिक्र है, जिनके तीन-तीन प्लॉट के मामले को निराकरण किया गया है। सूत्रों के अनुसार यह दोनों ही इन्वेस्टर है, जिनका निराकरण हुआ है और चंपू के प्रोजेक्ट में निवेशकर्ता है। वहीं जो एक-एक प्लॉट वाले पीड़ित थे। इनमें से कई का निराकरण अभी तक नहीं हुआ है, ऐसे में एक परिवार के तीन-तीन सदस्यों का निराकरण भूमाफियाओं ने कैसे कर दिया। इस पर सवाल खड़े होते हैं।
चिराग की ओर से शपथ-पत्र में चंपू और पूरे अजमेरा परिवार पर आरोप
उधर, सूत्रों के अनुसार चिराग शाह ने भी प्रशासन को देने के लिए एफिडेविट बनवा लिया है, जो मैनेजर साजिद खान ने बनवाया है। इसमें कहा गया है कि फीनिक्स कंपनी के डेवलपमेंट लाइसेंस की जरूरत होने के चलते चंपू ने मुझसे सहमति लेकर डेवलपमेंट के लिए डायरेक्टर बनाया था। आज तक मैंने किसी को फीनिक्स देवकान में लेन-देन नहीं किया है। जो प्लॉट बेचे गए या रजिस्ट्री हुई वह चंपू ने ही की और उनके व्यक्तियों द्वारा ही हस्ताक्षर किए गए, कहीं भी रजिस्ट्री या रसीद पर मेरे हस्ताक्षर नहीं है, कहीं मेरे हस्ताक्षर के कोई दस्तावेज मिलते हैं तो मैं जिम्मेदार रहूंगा। यह भी कहा गया है कि चंपू अजमेरा और उसके परिवार द्वारा फोनिक्स का निर्माण कर बेचा गया, मेरा काम विकास करने का था, मेरा भुगतान समय पर नहीं होने से साल 2011 में मैंने इस्तीफा दे दिय था। शिकायतकर्ताओं का ध्यान भटकाने के लिए चंपू द्वारा मेरा नाम लेकर शिकायतों का निराकरण नहीं किया जा रहा है। सभी का निराकरण चंपू, योगिता, नीलेश, पवन अजमेरा द्वारा किया जाना है।