इंदौर में कांग्रेस शहर अध्यक्ष को लेकर विवाद जारी, अब गोलू 15 पार्षदों को लेकर दिल्ली पहुंचे, बाकलीवाल भी माफी मांगने गए थे

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Pratibha Rana
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इंदौर में कांग्रेस शहर अध्यक्ष को लेकर विवाद जारी,  अब गोलू 15 पार्षदों को लेकर दिल्ली पहुंचे, बाकलीवाल भी माफी मांगने गए थे

संजय गुप्ता, INDORE.  कांग्रेस में शहराध्यक्ष पद की लड़ाई एक बार फिर तेज हो गई है। इस दौड़ में पहले पीछे रह चुके कांग्रेस नेता गोलू अग्निहोत्री ने सुबह अपने साथ 15 समर्थकों की टीम के साथ दिल्ली की फ्लाइट ले ली और दिल्ली पहुंच गए। यहां वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे। उनके साथ निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे भी गए हैं। वहीं दीपू यादव, राजू भदौरिया, अमित पटेल, विनिता धर्मेंद्र मौर्य, रूबिना खान, अयाज बेग, सादिक खान, अनवर कादरी, सोनाली मिमरोट भी शामिल है। बताया जा रहा है कि पार्षद और उनके पत्र के साथ 16 ब्लॉक अध्यक्षों के पत्र भी लेकर वह दिल्ली में सभी से मिलेंगे। बाताया जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ ही महासचिव वेणु गोपाल, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जेपी अग्रवाल और कमलनाथ से यह मिलेंगे। बाकलीवाल और बागड़ी की लड़ाई में अग्निहोत्री बाजी मारने में जुट गए हैं। 





बाकलीवाल भी होकर आए हैं दिल्ली 





वहीं इसके पहले गुरुवार ( 2 फरवरी) को शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटे विनय बाकलीवाल भी दिल्ली पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि उन्हें अनुशासनहीनता को लेकर मिले नोटिस के जवाब देने के साथ ही वहां वह मान मनौव्वल के लिए गए थे और माफी भी मांगी है।





बाकलीवाल और बागड़ी की लड़ाई में जल गए पुतले





कुछ दिन पहले कांग्रेस ने शहराध्यक्ष पद पर अरविंद बागड़ी की नियुक्ति की थी। इस नियुक्ति का विरोध करते हुए कुछ नेताओं ने उन्हें फूलछाप कांग्रेसी बताते हुए पुतले जलाए थे। इस दौरान पार्टी ने बागड़ी को होल्ड करते हुए पहले बाकलीवाल को फिर से शहराध्यक्ष का प्रभार दे दिया, लेकिन विरोध प्रदर्शन के बाद पार्टी ने महेंद्र जोशी का प्रभार दे दिया। वहीं विरोध प्रदर्शन के चलते बाकलीवाल और सात अन्य नेताओं को अनुशासनहीनता का नोटिस दे दिया। इसमें जवाब देने की मियाद पूरी हो गई है और सभी पर छह साल के निष्कासन की तलवार लटक रही है। 





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पैसे वालों को चुनाव लड़ाओ, ईमानदार को संगठन दो





शहराध्यक्ष विवाद और आठ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए संगठन के बीच यह बहस भी चल रही है कि अब पूर्व सीएम कमलनाथ को अपनी ताकत दिखाना होगी। उनके ही व्यक्ति को शहराध्यक्ष बनाना होगा नहीं तो चुनाव में इंदौर में खेल हो जाएगा। इसमें यह भी विचार है कि जो पैसे वाले कांग्रेसी है, उन्हें चुनाव मैदान में उतारा जाए। वहीं ईमानदार को संगठन दिया जाए, ताकि मैदानी काम सही हो और टिकट वितरण वगैरह में भी सौदेबाजी के आरोप नहीं लगे। ऐसे में बात यह आ रही है कि जोशी परिवार से दूरी रखने वाले कमलनाथ विधानसभा तीन से जोशी परिवार के दावे खारिज करते हुए अरविंद बागड़ी को मैदान में उतारें तो वहीं चार नंबर से गोलू को मैदान संभालने के लिए कहें। 1980 के दशक में भी कमलनाथ ने इंदौर में सबसे ताकतवर नेता विधायक महेश जोशी का विधानसभा टिकिट काटकर नए उम्मीदवार चंदू व्यास को विधानसभा क्रमांक 1 से चुनाव लड़वाया था और वह जीते थे। 





इंदौर में राजनीतिक समीकरण, कौन किस गुट से





बाकलीवाल कमलनाथ गुट के रहे हैं, लेकिन जिस तरह से हाल ही में बागड़ी के पुतले जलाए, इससे वह खासे नाराज है और भोपाल आने पर बाकलीवाल को जमकर फटकार तक लगा दी थी। वहीं बागड़ी शोभा ओझा, सुरेश पचौरी के गुट के हैं और उनके अध्यक्ष पद के लिए जीतू पटवारी के भी प्रयास करने की बात सामने आती है, जो दिग्विजय सिंह के समर्थक है। उधर गोलू पहले अरूण यादव के और अब दिग्विजय सिंह के गुट में हैं। इसी तरह शहराध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल सुरजीत सिंह चड्‌ढा, छोटे यादव भी सिंह गुट के ही है। उधर, बाकलीवाल के हटने के बाद कमलनाथ गुट में केके यादव, गजेंद्र वर्मा, राकेश सिंह यादव, प्रेम खडायता जैसे नाम प्रमुख है। अब कमलनाथ किस तरह से शहराध्यक्ष पद की दौड़ खत्म करते हैं, यह विधानसभा चुनान के नजरिए से भी अहम होगा।



 



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