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संजय गुप्ता, INDORE. विश्व हिंदू परिषद की इंदौर में हुई तीन दिवसीय केंद्रीय प्रन्यासी मंडाल व प्रबंध समिति की बैठक का समापन एक जनवरी को दोपहर में हुआ। इस पर परिषद ने केंद्र और राज्य सरकारों से मांग की है कि ‘‘कट्टरता व अलगाव की शिक्षा देने वाले मदरसों व मिशनरी विद्यालयों पर नियंत्रण‘‘ कर वहां कट्टरता और अलगाववाद के स्थान पर विकास व सौहार्द केंद्रित शिक्षा की व्यवस्था करें। यह जानकारी परिषद के केंद्रीय कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार ने मीडिया से चर्चा में दी। बैठक में मांग की गई है कि अवैध मतांतरण और मजहबी कट्टरता को रोकने हेतु केंद्र सरकार कठोर कानून बनाएं। साथ ही संपूर्ण देश में समान नागरिक आचार संहिता को लागू करने की भी मांग की गई। एक व्यक्ति की चार पत्नी कहीं से भी महिला सम्मान के लिए सही नहीं है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण को लेकर मप्र शासन द्वारा लागू किए गए कानून से संतुष्ट है।
जिहाद के नाम पर बंद हो लूटपाट
उन्होंने कहा कि मजहबी कट्टरता के दुष्परिणामों से निपटने हेतु वैश्विक स्तर पर एक समग्र नीति बनानी होगी। इस कट्टरता का बौद्धिक, सामाजिक व राजनीतिक स्तर पर मुकाबला करना होगा। इस्लाम के एक बड़े वर्ग द्वारा जिहाद के नाम पर हिंसा, लूटपाट, बलात्कार व हत्याओं को एक हथियार के रूप में प्रयोग किया जाता है। अब यह नहीं चलेगा। हम भारत के किसी भी हिस्से को दारुल इस्लाम नहीं बनने देंगे। विहिप, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी पूज्य संतों व समाज के चिंतकों के साथ मिलकर इसका डटकर मुकाबला करता रहा है।
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मेरा ही मजहब सही इस विचारधारा को रोकने का प्रस्ताव पास
वर्मा ने कहा कि बैठक में ‘‘मजहबी कट्टरता-दुष्परिणाम और समाधान‘‘ का प्रस्ताव पास हुआ है। इसमें इस विचाराधारा कि ‘‘मेरा मजहब ही सही है, बाकी को इसे स्वीकार करना ही पड़ेगा, पर चिंता व्यक्त की गई है। उन्होंने कहा कि विश्व में कहीं ना कहीं प्रतिदिन हो रहे आतंकवादी हमलों के लिए भी मजहबी कट्टरपंथ के अनुयाई जिम्मेदार हैं।‘‘
लव जिहाद अमानवीय अत्याचार
विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि लव जिहाद के माध्यम से गैर मुस्लिम महिलाओं पर अमानवीय अत्याचारों का सिलसिला और ‘‘सर तन से जुदा गैंग" की सक्रियता मजहबी कट्टरता के वीभत्स चेहरे हैं‘‘। ईसाई मिशनरियों का एक बड़ा वर्ग छल कपट व लालच के हथकंडों से सामाजिक विद्वेष फैलाने, आतंक को पोषित करने, तथा मतांतरण करने में जुटा हुआ है। प्रस्ताव में यह भी आग्रह किया गया कि मजहबी कट्टरता ईसाई व मुस्लिम समाज को विकास नहीं, आत्मघाती विनाश की ओर ले जाएगी।
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