संजय गुप्ता, INDORE. हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने बावड़ी हादसे में 36 मौतों को लेकर लगी एक और याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की। राजेंद्र सिंह अटल की इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मंदिर ट्रस्ट को पार्टी बनाने के लिए कहा। साथ ही इस मामले में लगी याचिकाओं को संयुक्त रूप से सुने जाने की बात कही। इसे लेकर 18 अप्रैल को संयुक्त सुनवाई संभावित है।
हादसे को प्राकृतिक न मानकर भ्रष्टाचार से हुआ हादसा मानें
अधिवक्ता चंचल गुप्ता द्वारा याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष रखा गया। इस याचिका में मध्य प्रदेश शासन, सीबीआई, इंदौर कलेक्टर, निगमायुक्त इंदौर, पुलिस आयुक्त इंदौर को पक्षकार बनाया गया है। साथ ही मांग की गई है कि हादसे को प्राकृतिक आपदा न मानकर अफसरों की लापरवाही और भ्रष्टाचार से हुआ हादसा माना जाए और दोषी अफसरों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उन्हें बर्खास्त करने की मांग की गई है।
मुआवजे के लिए लगे मोटर एक्ट वाला फार्मूला
अधिवक्ता चंचल गुप्ता के अनुसार हाईकोर्ट से मांग की है दुर्घटना की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से करवाई जाकर दुर्घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों और नगर पालिका निगम इंदौर, जिला प्रशासन इंदौर व आपदा प्रबंधक समिति में शामिल अधिकारियों की भूमिका की जांच की जाकर दोषियों के विरुद्ध योग्य दण्डात्मक और विभागीय कार्रवाई की जाना चाहिए। साथ ही मुआवजे की गणना गलत की गई है। इसमें कई घरों के मुखिया, कमाने वाले चले गए हैं, लेकिन सभी को एक सिरे से पांच लाख का मुआवजा दिया जा रहा है। जबकि मोटर एक्ट, एक्सीडेंट वाले मामले में जिस तरह से फार्मूला लगाया जाता है, उसके अनुसार गणना कर मुआवजा दिया जाना चाहिए।
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सोमवार को भी दो मामलों में हुई थी सुनवाई
इसके पहले सोमवार को इंदौर हाईकोर्ट बेंच ने श्री बेलेशवर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी में रामनवमी के दिन हुए हादसे में 36 लोगों की मौत के मामले में लगी दो याचिकाओं पर सुनावई की थी। इसमें हाईकोर्ट की की इंदौर बेंच ने याचिकाकर्ता महेश गर्ग और प्रमोद दिवेदी को कहा कि याचिका में मंदिर ट्रस्ट को पक्षकार नहीं बनाया गया है, आप पहले इन्हें भी पक्षकार बनाओ, इसके बाद मामले में सुनवाई की जाएगी। अधिवक्ता मनीष यादव ने बताया कि याचिका में ट्रस्ट पदाधिकारियों को और पार्टी बनाया जा रहा है, इसके बाद इसमें सुनवाई अगले सप्ताह रखी गई है।
याचिका में यह मांग की गई है
यादव ने बताया कि दोनों याचिकाओं में मप्र शासन, गृहविभाग के साथ ही कलेक्टर, निगमायुक्त को पक्षकार बनाया गया है। इसमें मांग की गई है कि जो पुलिस में जांच चल रही है वह सीबीआई द्वारा की जाए। जो प्रशासन द्वारा मजिस्ट्रियल जांच कराई जा रही है वह हाईकोर्ट की निगरानी में होना चाहिए। इसके साथ ही सभी मृतकों को 25-25 लाख का मुआवजा दिया जाना चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए। याचिका में रेस्क्यू को लेकर हुई देरी और कमी को भी उठाया गया है। साथ ही कुएं, बावड़ियों से तत्काल कब्जे हटाने की मांग की गई है।
एक यह भी लगी है याचिका
इसके साथ ही अधिवक्ता डॉ. मनोहर दलाल के माध्यम से पूर्व पार्षद दिलीप कौशल द्वारा और अधिवक्ता चंचल गुप्ता द्वारा भी इस मामले में याचिकाएं लगाई गई है। कौशल की याचिका में कई गंभीर मामले अतिक्रमण, भ्रष्टाचार को भी उठाया गया है। वहीं गुप्ता की याचिका में दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि यह अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण हुआ है। इसमें याचिकाकर्ता राजेंद्र अटल है और मुख्य सचिव, कलेक्टर, पुलिस कमिशनर, निगमायुक्त, सीबीआई को पक्षकार बनाया गया है। साथ ही मोटर एक्ट के तहत उसी फार्मूले से मुआवजा देने की मांग की गई है।