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इंदौर. नगर निगम ने गुरुवार, 30 सितंबर को जिला प्रशासन के निर्देश पर अवैध रेस्टोरेंट्स-बार को तोड़ने का काम शुरू किया। कार्रवाई में पैराडाइज बार, VIP बार और पंजाबी नेचर को ढहा दिया गया। प्रशासनिक अमला सुबह 9 बजे से ही पोकलेन और जेसीबी लगाकर उसे ध्वस्त करने में जुटा है। पुलिस प्रशासन पिछले 7 दिन से इंदौर के अलावा कई शहरों में अवैध कब्जे को हटाने का काम कर रहा है।
रीजनल पार्क वीआईपी बार तोड़ने पहुंची नगर निगम की टीम का बार संचालकों के साथ विवाद हो गया। बार संचालकों का कहना है कि 40 साल से बार परमिशन लेकर ही चला रहे थे। यहां पर कार्रवाई के लिए निगम के अपर आयुक्त संदीप सोनी, इंजीनियर अनूप गोयल, रिमूवल टीम दो पोकलेन और एक जेसीबी के साथ पहुंची।
निगम के अधिकारियों के मुताबिक, वीआईपी बार 10000 वर्ग फीट जमीन पर अवैध रूप से बना हुआ है। निगम की टीम जब कार्रवाई के लिए पहुंची बार के अंदर काफी शराब की बोतलें रखी हुई थी । ऐसे में संचालकों को शराब की बोतलें हटाने का समय दिया गया इसके बाद कार्रवाई शुरू की गई।
बाणगंगा स्थित पैराडाइज बार पर कार्रवाई के लिए भी गुरुवार सुबह निगम की टीम पहुंची। मौके पर उपायुक्त लता अग्रवाल के साथ रिमूवल टीम दो पोकलेन जेसीबी के साथ पहुंची। यहां पर पैराडाइज बार का 8000 वर्ग फीट जमीन पर अवैध निर्माण हुआ था। निगम की रिमूवल टीम ने इस बार को तोड़ने की करवाई की।
24 सितंबर को इंदौर के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई थी। इसमें दो मैरिज गार्डन समेत 50 दुकानों को ढहा दिया था। करीब एक हजार करोड़ की जमीन पर अवैध कब्जे को हटाया गया था। इसी दिन बुरहानपुर में नेपानगर रेलवे स्टेशन के पास शराब माफिया के दो घर गिराए गए थे।
इसके बाद जबलपुर में अवैध कब्जा हटाने की दो कार्रवाई हुईं। 26 सितंबर को प्रशासनिक अमले ने माफिया टिंकू सोनकर का 2 करोड़ का बंगला गिरा दिया। 29 सितंबर को जबलपुर में ही पप्पू खलीफा उर्फ अकील और शकील अहमद की 4 दुकानें, घर और गोदाम गिरा दिए। निर्माण की कीमत 2 करोड़ थी। जिस जमीन पर अवैध निर्माण हुआ था, उसकी कीमत 10 करोड़ है।