भिंड के इन मंदिरों में भी हो सकता है इंदौर जैसा हादसा, अब तक यहां हो चुकी है इतने लोगों की जान, प्रशासन को उठाने होंगे सख्त कदम

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The Sootr
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भिंड के इन मंदिरों में भी हो सकता है इंदौर जैसा हादसा, अब तक यहां हो चुकी है इतने लोगों की जान, प्रशासन को उठाने होंगे सख्त कदम

BHOPAL. इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर की बावड़ी जैसी घटना भिंड में कभी भी घट सकती है। दरअसल, भिंड में ऐसे आधा दर्जन से भी अधिक प्राचीन व धार्मिक स्थल हैं, जहां लोग आस्था के आगे जान की परवाह तक नहीं करते हैं। भिंड में भी इंदौर की तरह कभी भी इस तरह के हादसे की संभावना बनी हुई है। आपको बता दें कि इंदौर में रामनवमी के दिन बेलेश्वर महादेव मंदिर में हुए हादसे में 36 लोगों की हो गई थी। मंदिर के नीचे बनी प्राचीन बावड़ी की छत ढह जाने से 36 लोग असमय काल के गाल में समा गए थे। 



प्राचीन मंदिरों की नगरी वाले मध्यप्रदेश में ऐसे अनगिनत ऐसे धार्मिक स्थल हैं जहां आज भी पुराने कुएं, बावड़ियां, तालाब और नदियां मौजूद है। जहां हर तीज-त्योहार व आस्था के पर्व पर अनगिनत लोगों की भीड़ इकट्ठा होती हैं। इन जगहों पर कई बार हादसा होने के बावजूद लोग बेफिक्र होकर इन जगहों पर जाते हैं। 



इन दिनों होती है अधिक घटनाएं



भिंड के इन धार्मिक स्थानों में आए दिन घटनाएं घटती है लेकिन लोग घटनाओं से सबक नहीं ले रहे हैं। अगर बात करें चंबल, सिंध, क्वारी, वेसली, झिलमिल और वेसली डैम में गणेश और दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान कई हादसे सामने आ चुके है। कई घटनाओं के बाद भी प्रशासन कोई पुख्ता इंतजाम नहीं कर रहा है।



एक हजार साल पुराना है महादेव का मंदिर



भिंड में स्थित बोरेश्वर महादेव मंदिर में हर साल सावन, शिवरात्रि और मोरछठ पर विशाल मेले का आयोजन होता है। इस दौरान यहां हजारों लोग पहुंचते है। त्योहार व पर्व के दिनों में इस मंदिर के निकट स्थित तालाब में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। आयोजन के दौरान पूर्व में कई महिलाओं और बच्चों के डूबने की घटनाएं घट चुकी है। जिसके बाद तालाब के प्रशासन द्वारा तालाब के आसपास दो-तीन पक्की सीढ़ियां तो बनवाई गई, जो तालाब की मिट्टी के ऊपर बनी है। बरसात के दिनों में यहां नमी के चलते फिसलन बढ़ने से खतरा और अधिक बढ़ जाता है।



हर साल होता है हादसा



भिंड का दूसरा ऐतिहासिक स्थान गौरी सरोवर है। इस मंदिर के प्रति एक समय लोगों की यह धारणा रही कि हर साल गौरी एक बलि जरुर लेती है। हालांकि अब यहां वाटर स्पोर्ट्स की वजह से मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया है। बावजूद सरोवर के किनारे बने एक सैकड़े से अधिक शिव मंदिर में त्योहार के दौरान लोगों की भीड़ इकट्ठी होती है। अधिक भीड़ के कारण लोग तालाबों के करीब तक पहुंच जाते हैं जिससे कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है।



एक साथ 3 लोगों की जा चुकी है जान



2020 में शिवरात्रि की रात को कांवड़ लेकर लौट रहे 7 शिवभक्तों की कार अचानक अनियंत्रित होकर गौरी सरोवर में जा गिरी थी। इस घटना में 3 लोगों की जान चली गई थी। हाल ही में भिंड प्रशासन सौंदर्यीकरण के नाम पर घाटों को खत्म कर रहा है। तालाब के आसपास व सड़क से करीब एक फीट की बाउंड्री वॉल बनाकर छोड़ दिया गया है, लेकिन उसके ऊपर तार फेंसिंग या सुरक्षा रेलिंग भी नहीं लगाई गई है। सीढ़ियां नहीं होने से लोग बाउंड्री वॉल पर बैठते है, जिससे घटना की संभावना और बढ़ गई है।



विसर्जन में 4 बच्चों की गई थी जान



भिंड के मेहगांव में स्थित वनखंडेश्वर महादेव मंदिर के पास बने तालाब में करीब डेढ़ साल पहले गणेश विसर्जन के दौरान 4 बच्चों के फिसल कर डूबने से मौत हो गई थी। इससे पहले भी इस तालाब में नहाते हुए कई लोगों को अपनी आगोश में ले लिया था। यहां तालाब की गीली मिट्टी और फिसलन के कारण लोग अपनी जान गवां देते हैं।


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