संजय गुप्ता, INDORE. भूमाफियाओं के खिलाफ पीड़ितों की चल रही हाईपावर कमेटी में सुनवाई के दौरान सामने आया कि भूमाफिया चंपू अजमेरा ने तो अपनी सगी मौसी को भी नहीं छोड़ा। कमेटी के सामने हीरामणि राजेंद्र जैन ने पेश होकर कहा कि उनके पास 21 डायरिया हैं, जिसमें जमीन के सौदे हुए, लाखों रुपए लिए गए लेकिन प्लॉट नहीं दिए गए। इस दौरान भूमाफियाओं की ओर से कहा कि यह डायरियां सही नहीं है और सौदे नहीं हुए हैं। इन डायरियों में अधिकांश में हैप्पी उर्फ जितेंद्र धवन के हस्ताक्षर है। वहीं गुरुवार को कमेटी के सामने अलग-अलग पीड़ित सामने आए। भूमाफियाओं की ओर से उनके अधिवक्ता पक्ष रख रहे हैं, वहीं पीड़ित खुद पेश हो रहे हैं वहीं शासन की ओर से विशाल सिरौथिया अधिवक्ता बात रख रहे हैं।
भूमाफिया चल रहे हैं नई चाल
हाईकोर्ट के रिटायर जज आईएस श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बनी कमेटी के सामने राधामोहन महेश्वरी और वीणा यादव पीड़ित आए। इन्हें हैप्पी धवन, चिराग शाह ने बेचे हैं। इनके आरोप है कि दो प्लाट डायरी पर एक रसीद पर है, लेकिन अब यह मुकर रहे हैं। पीड़ितों ने कहा कि भूमाफिया इन सौदे, डायरी को फर्जी बता रहे हैं क्योंकि यह दलाल सोनू मूंदड़ा से लिए हुए हैं, जबकि पूरी राशि इन्हीं के दफ्तर में ली गई और वह मात्र दलाल था, पूरा सौदा इन्हीं आरोपियों के साथ ही हुआ है। इन्होंने यह डायरी, रसीद फर्जी होने का एफिडेविट प्रशासन की कमेटी को दे दिया और उन्होंने इसे मान्य कर लिया, जबकि यह सौदे असली है।
हर दिन नए पीड़ित आ रहे सामने
कालिंदी गोल्ड कॉलोनी की यह सुनवाई 13 मई तक चलेगी। इसमें पुराने 96 पीड़ितों के साथ ही नए पीड़ित भी सामने आ रहे हैं। इनके द्वारा दी जाने वाली शिकायतों की कॉपी संबंधित भूमाफिया के वकील को दी जा रही है, ताकि वह इनका जवाब पेश कर सके। इन जवाबों के आधार पर कमेटी इनका परीक्षण करेगी।
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इस तरह कमेटी का है सुनवाई का शेड्यूल
दस मई से 13 मई तक कालिंदी गोल्ड के लिए शुनवाई की जाएगी। इसके बाद 14 को ऑफ रहेगा। कमेटी फिर 15 से 19 मई तक फीनिक्स कॉलोनी के पीड़ितों के पक्ष सुनेगी और फिर 22 से 26 मई तक कमेटी सेटेलाइट हिल कॉलोनी की सुनवाई करेगी। जब फीनिक्स की सुनवाई होगी तब 15 मई को लिक्विडेटर को भी आना होगा क्योंकि कंपनी लिक्विडेन में चल गई है। सुनवाई का समय दोपहर तीन से छह बजे तक रहेगा।
रजिस्टर्ड 255 के सिवा भी कोई अन्य पीड़ित आ सकता है
कमेटी के सामने 255 लोगों की रजिस्टर्ड शिकायतें हैं जो पीड़ितों ने रखी थी। हालांकि, इसमें से सौ का निराकरम हो चुका है और 155 का बाकी है, जो प्रशासन की हाईकोर्ट की रिपोर्ट में हैं। वहीं इसके सिवा भी प्रशासन के पास बाद में कई पीड़ित पहुंचे हैं, जैसे कि कालिंदी में रजिस्टर्ड 96 पीड़ितों के सिवा भी 22 लोग अन्य बाद में पहुचे हैं। कमेटी के सामने अभी भी वह पीड़ित सामने आ सकते हैं जिन्होंने अभी तक प्रशासन के सामने अपनी शिकायत दर्ज नहीं कराई है।