संजय गुप्ता, INDORE. नोटबंदी 2.0 लागू होने के बाद मप्र की व्यावसायिक राजधानी इंदौर के बैंकों की हालत खस्ता हो गई है। हर दिन यहां औसतन दो हजार के 40 करोड़ रुपए आ रहे है। बैंकों में नोट के 200 बंडल जमा हो रहे हैं। एक बंडल में 20 लाख रुपए होते हैं यानी दो हजार की दस गड्डियां होती है। वहीं इसकी तुलना में बैंकों के पास 500 नोटों की भारी किल्लत हो गई है। बैंक बड़े लेन-देन में अब दो हजार के नोट दे नहीं सकता है, जो दो हजार के नोट जमा हो रहे हैं, वह उनके उपयोग के नहीं है। वहीं बदले में आ रहे 500 नोट की संख्या कम है, इसके चलते नोटों की किल्लत शुरू हो गई है।
100- 200 के नोट ही दे रहे हैं बैंक
बैंकों के पास 500 नोट की किल्लत होने के चलते अब ग्राहकों को बड़े लेन-देन में भी 100 और 200 रुपए के नोटों के बंडल दिए जा रहे हैं। जबकि उनकी मांग 500 के नोट की होती है। बैंक प्रबंधन का कहना है कि हम भी क्या करें, दस करोड़ के नोट मांगते हैं और बदले में हमे एक-दो करोड़ ही मिल रहे हैं। इसके चलते नोटों की किल्लत हो रही है। पहले रूटीन में जमा होने वाले दो हजार नोट भी हम ग्राहकों को देते थे, लेकिन अब जमा यह नोट हमारे पास ब्लॉक हो गए हैं।
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एक्सचेंज में ले रहे आईडी, धरे रह गए आरबीआई के निर्देश
उधर बैंकों में दो हजार के नोट एक्सचेंज कराने वालों से फार्मेट भरवाया जा रहा है, जो नहीं भरवा रहे वह आईडी देख रहे हैं और रजिस्टर में नोट कर रहे हैं। बैंकों का साफ कहना है कि कल को आरबीआई ने या फिर इंकमटैक्स आदि से किसी बात की क्वेरी आ गई तो वह क्या जवाब देंगे। जबकि आरबीआई मना कर चुका है कि किसी तरह की आईडी नहीं लेना है। हालांकि जिसे ब्लैक मनी के नोट बदलवना है, वह अपने यहां के कर्मचारियों, नौकरों का इस्तेमाल कर रहा है और उन्हें जगह-जगह बैंकों में भेजकर एक ही दिन में कई नोट बदलवा रहा है।
हर खरीदी-बिक्री में निकल रहे दो हजार के नोट
उधर, आमजन से लेकर बड़े लोग भी आम लेन-देन में भी दो हजार के नोटों का उपयोग कर रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द इनसे पिंड़ छूटे। होटलों में भोजन करने जाने वाले दो हजार के नोट में ही भुगतान कर रहे हैं। इसी तरह पेट्रोल पंपों पर तो यह धड़ल्ले से चल रह हैं। वहीं ज्वेलरी खरीदी से लेकर किराना खरीदी तक में दो हजार के नोट ही निकालकर दुकानों पर दिए जा रहे हैं। खरीदी भले ही 400 रुपए की हो नोट दो हजार का दिया जा रहा है, ताकि छुट्टे मिल सके। इसके चलते होटल, पंप, किराना स्टोर्स से लेकर हर दुकानदार भी बैंकों में इन नोटों को अधिक संख्या में जमा करा रहा है।