नरसिंहपुर में समय पर नहीं मिली किश्त और बढ़ती गई महंगाई, कहीं बची है छत तो कहीं जुड़ाई, पीएम आवास योजना की हकीकत 

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Rajeev Upadhyay
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नरसिंहपुर में समय पर नहीं मिली किश्त और बढ़ती गई महंगाई, कहीं बची है छत तो कहीं जुड़ाई, पीएम आवास योजना की हकीकत 

Narsinghpur, Brijesh Sharma. नरसिंहपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के 13000 से अधिक मकान समय पर किश्त नहीं मिलने और इसी दरमियान बढ़ती महंगाई के चलते रुके पड़े हैं। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नरसिंहपुर जिले में 95 हजार 293 मकानों के निर्माण का लक्ष्य था लेकिन इतनी लंबी अवधि गुजर जाने के बावजूद लक्ष्य प्रशासन की लेटलतीफी की वजह से अधूरा पड़ा है। अभी भी जिले के 6 जनपद पंचायतों में 13 हजार से अधिक आवास अधूरे पड़े हैं।




महंगाई और लेटलतीफी की भेंट चढ़ी योजना




समय पर किश्त नहीं मिलने और इसी समयावधि में महंगाई के लगातार बढ़ते रहने से गरीबों को अपना आशियाना पूरा करने का सपना साकार नहीं हो पा रहा है। पिछले 6 महीनों में लोहे सरिया के दाम भी 5600 रु प्रति क्विंटल से बढ़कर 6100 से 6400 प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। जबकि सीमेंट के दाम भी लगभग 280 रु प्रति बैग से बढ़कर अब 310  से 330 रु तक हैं।यही हाल रेत का भी है।




मजदूरी भी काफी बढ़ गई

रेत भी अब 5 से 6000 रु ट्राली से लेकर 17 हजार से 18 हज़ार रु प्रति डंपर तक पहुंच गई है। जबकि पिछले 6 महीने पहले रेत के दाम 11 से 12 हजार रुपए प्रति डंपर तक थे ।घर बनाने में प्रयुक्त ईंट भी 4000 से लेकर 5000 प्रति हजार तक पहुंच गई है। आवास बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राजमिस्त्रियों और मजदूरों की दर भी बढ़ी है। मिस्त्रियों की  मजदूरी 600 रु प्रतिदिन की हो गई है जबकि यही दर पहले 450 से 500 प्रतिदिन थी।




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  • सीएम जता चुके नाराजी लेकिन कोई असर नहीं



    मध्य प्रदेश समेत जिले में भी हावी अफसरशाही लक्ष्य और योजनाओं को पलीता लगा रही है, इसलिए पिछले दिनों भोपाल में मुख्यमंत्री के साथ कमिश्नर कलेक्टर की हुई कान्फ्रेंस में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर सुस्त गति पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी भी जताई थी। प्रदेश के सभी जिलों में नरसिंहपुर जिला फिसड्डी पायदान पर है, बावजूद इसके अधिकारियों ने अब भी इस मामले में गंभीरता नहीं बरती है। इसलिए 13 हजार से अधिक आवाज सभी अधूरे हैं।



     हितग्राहियों को मिलते हैं 1 लाख 20हज़ार



     प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्रामीण क्षेत्र के हितग्राहियों को 1 लाख 20 हज़ार की राशि आवंटित होती है पर अब यह राशि नाकाफी है, जिससे कई ग्रामीण क्षेत्रों के आवास अधूरे पड़े हैं और उनका पूरा होने का सपना पूरा नहीं हो सका है। हितग्राही लेखराम पटेल ने बताया कि आवास तो अधूरा पड़ा ह,ै पिछले कई महीनों से किश्त तक का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन राशि नहीं मिली है। सरिया ,ईट, सीमेंट सब के दाम बढ़ गए इसलिए छत भी नहीं डलवा पा रहे हैं। 



    सुभाष वार्ड के जगदीश रजक ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए हम जनसुनवाई में कई बार आवेदन दे चुके हैं लेकिन अब तक कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। गयादत्त वार्ड के देवी सिंह ने बताया कि हमारे नाम से आवास बना लेकिन उस आवास को दूसरे को दे दिया गया। हम जनसुनवाई में आवेदन दे चुके हैं लेकिन कोई सुनता ही नहीं।

     


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