संजय गुप्ता, INDORE. राज्य सेवा स्पेशल मेंस परीक्षा 2019 के 570 पदों के लिए हाईकोर्ट जबलपुर के आदेश से नए सिरे से सफल घोषित उम्मीदवारों के लिए हो रही है। इस परीक्षा से डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे पद भरे जाएंगे, लेकिन देखने में आया है कि लगातार इसके प्रति उम्मीदवारों की रुचि कम होती जा रही है। सोमवार को लगातार तीसरा दिन था, जब उम्मीदवारों की संख्या सतत कम हुई। सोमवार को कुल 1818 उम्मीदवारों में से केवल 1348 ही पहुंचे और 468 उम्मीदवार परीक्षा से अनुपस्थित रहे। गैर हाजिरी का प्रतिशत 25.77 फीसदी हो गया, जबिक पहले दिन शनिवार को केवल 22 फीसदी था। इंदौर में तेजी से गैर हाजिर वालों की संख्या बढ़ी है। यहां पर 953 में से 219 उम्मीदवार परीक्षा देने नहीं पहुंचे। जबकि पहले दिन केवल 181 ही गैर हाजिर थे।
इस तरह लगातार कम होती जा रही संख्या
इसमें पहले दिन 15 अप्रैल को 1816 उम्मीदवारों में से 1414 उम्मीदवार परीक्षा देने पहुंचे थे। वहीं 402 अनुपस्थित रहे। उपस्थिति का प्रतिशत 77.86 फीसदी रहा था। रविवार को इसमें और कमी आई, कुल गैर हाजिरी 446 उम्मीदवारों की रही और उपस्थिति प्रतिशत 75.44 फीसदी और गैर हाजिरी का प्रतिशत 24.55 फीसदी रहा। इंदौर सेंटर की बात करें तो यहां पर 953 उम्मीदवारों में से पहले दिन 772 परीक्षा देने पहुंचे, दूसरे दिन 746 ही परीक्षा देने पहुंचे और अब तीसरे दिन 734 उम्मीदवार ही पहुंचे।
इसलिए नहीं जा रहे उम्मीदवार
परीक्षा में अनुपस्थिति के बढ़ते आंकड़े का कारण अधिकांश उम्मीदवार मूल की जगह प्रोवीजनल रिजल्ट में शामिल होना बता रहे हैं, वहीं इस भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया चार साल से चल रही है, इससे भी कई उम्मीदवार पीएससी से हटकर अन्य परीक्षा की तरफ डायवर्ट हो गए हैं। खासकर कई उम्मीदवारों का ध्यान पटवारी भर्ती की ओर ज्यादा चला गया है। हालांकि इस परीक्षा के शुरू होने से उन सभी उम्मीदवारों ने राहत की सांस ली है जो इस परीक्षा में पहले सफल घोषित हो चुके हैं और इंटरव्यू शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि कई उम्मीदवार लगातार स्पेशल मेंस को रद्द कराकर फिर से सभी की मेंस कराने के लिए लगातार याचिकाएं लगा रहे हैं और एक याचिका तो सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है, हालांकि उन्हें अभी कहीं से भी स्टे नहीं मिला है।
इन शहरों में ऐसी रही सोमवार को उपस्थिति
इंदौर में शहर में 3 सेंटरों में 953 प्ररीक्षार्थियों को परीक्षा देना थी, लेकिन महज 734 ही उपस्थित हुए, जबकि 219 ने परीक्षा में अनुपस्थित रहे। वहीं, भोपाल में 1 केंद्र था, जिसमें 384 को परीक्षा देना थी, लेकिन 284 आए और 100 गैर हाजिर रहे। जबलपुर में 2 परीक्षा केंद्र थे, जिसमें 303 को आना था, लेकिन 196 आए, 107 गैर हाजिर रहे। ग्वालियर में 1 केंद्र था, जिसमें 176 को आना था, लेकिन 134 आए और 42 गैर हाजिर रहे।
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प्रश्नपत्र का स्तर सरल रहा
परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों ने बताया कि जनरल स्टडीज 3, विज्ञान और अर्थव्यवस्था का पेपर काफी सरल रहा। इसके पहले इस पेपर में लोगों का काफी कठिनाई आ रही थी। आर्ट छात्रों ने मुद्दा भी उठाया है कि साइंस काफी कठिन पूछी जाती है, इससे 40 फीसदी कटऑफ अंक लाना भी संभव नहीं होता है, हालांकि साल 2020 से यह पेपर अधिक कठिन हुआ है। क्योंकि जनरल स्टडीज 3 को केवल साइंस का ही पेपर बना दिया गया है, इसके चलते आर्ट छात्रों के लिए इसमें कटऑफ अंक लाना मुश्किल हुआ है, इसके पहले साल 2019 तक साइंस और अर्थशास्त्र मिलकर आता रहा है, जिससे आर्ट छात्र फिर अभी अर्थशास्त्र में कवर करके कटऑफ ले आते रहे हैं।