JABALPUR. नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर के डॉक्टर्स को सतना शिफ्ट किए जाने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इस मामले में जबलपुर मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर मयूरा सेतिया ने याचिका दायर की थी। इसी के साथ डॉक्टर सेतिया को भी सतना नहीं भेजा जाएगा। जस्टिस संजय द्विवेदी को सिंगल बेंच ने इस मामले में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, आयुक्त, डीएमई के साथ नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता की दलील
याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट संजय वर्मा ने दलील दी कि डीएमई द्वारा 17 फरवरी 2023 को जारी उस पत्र की वैधानिकता चुनौती के योग्य है, जिसके जरिए जबलपुर, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रीवा, सागर विदिशा मेडिकल कॉलेज के डीन से उनके अधीन काम करने वाले डॉक्टरों की लिस्ट मांगी गई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि पत्र के साथ संलग्न सूची में शामिल डॉक्टर्स को तत्काल सतना मेडिकल कॉलेज में ज्वाइनिंग कराई जाए।
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डॉक्टरों की शिफ्टिंग जनहित के विपरीत
एडवोकेट संजय वर्मा ने कोर्ट को बताया कि मेडिकल कॉलेज जबलपुर में पहले से ही डॉक्टरों की कमी है। उन्होंने डीन के एक पत्र का हवाला देते हुए बताया कि यहां केवल 75 प्रतिशत ही डॉक्टर का स्टाफ है। सतना मेडिकल कॉलेज अभी स्थापित नहीं हुआ है ऐसे में जबलपुर से डॉक्टरों की शिफ्टिंग जनहित के विपरीत है। सरकार एमसीआई से जल्द मान्यता लेने के लिए सतना मेडिकल कॉलेज में डाक्टरों को शिफ्ट कर रही है।
मेडिकल स्टाफ की चयन प्रक्रिया जारी
राज्य शासन की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने कहा कि सतना मेडिकल कॉलेज में मेडिकल स्टाफ की चयन प्रक्रिया जारी है। राज्य शासन अपनी नीति के अनुसार कार्रवाई कर रही है। इसमें हस्तक्षेप करना अनुचित है।