Bhopal. कांग्रेसी भले ही कितनी भी एकता की कसमें खा लें, आपसी गुटबाजी खत्म करने के पहाड़े पढ़ लें रहेंगे आखिर कांग्रेसी ही। यह बात जीतू पटवारी के निलंबन के बाद कांग्रेस पार्टी के रवैए से जाहिर हो रहा है। वहीं बीजेपी इस पर तंज करके मजे ले रही है। दरअसल विधानसभा में सीएम शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह को लेकर की गई अभद्र टिप्पणी के चलते राउ विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को सदन से निलंबित कर दिया गया है। इससे बौखलाए जीतू पटवारी ने सरकार को सड़क पर घेरने के लिए अपने जिले के समर्थकों को साफ कह दिया कि 13 मार्च को कम से कम 5 हजार गाड़ियां भरकर भोपाल आना है। इधर कांग्रेस के संगठन प्रभारी ने 13 मार्च को ही विधानसभा घेराव का पत्र तमाम जिलों में भेजा तो है, लेकिन उसमें जीतू पटवारी के निलंबन का कोई विषय उल्लेखित नहीं है।
दरअसल, विधानसभा सत्र के दौरान अपनी मुखरता से बीजेपी सरकार के लिए परेशानी बनने के बाद निष्कासित हुए विधायक जीतू पटवारी के मद्दे को उठाने की बजाए कांग्रेस अन्य मुद्दों पर राजभवन का घेराव करने जा रही है, जबकि विधायक जीतू पटवारी ने अपने समर्थकों से अपील की थी कि 13 मार्च को पांच हजार गाड़ियां भराकर भोपाल आना है। इधर कांग्रेस के इस प्रदर्शन को लेकर बीजेपी ने भी तंज किया है, बीजेपी नेताओं ने कहा कि जीतू पटवारी के त्याग को भूली कांग्रेस, विधायक जीतू पटवारी अकले पड़ गए।
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रायपुर अधिवेशन में भी किया गया दरकिनार
कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो रायपुर अधिवेशन में इशारों-इशारों में जीतू पटवारी को साफ कह दिया था कि मेरे पास बेमतलब की लॉबिंग करने के लिए आने की जरूरत नहीं है। बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा जिलाअध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर जीतू पटवारी, अरुण यादव और अजय सिंह राहुल शिकायतें लेकर रायपुर पहुंचे थे। वहीं कांग्रेस आलाकमान ने कमलनाथ को वरदहस्त देते हुए सभी को किनारे कर दिया। अधिवेशन खत्म होते ही बजट सत्र में पटवारी ने अभद्र टिप्पणी कर दी। वे खेद व्यक्त कर देते तो आसंदी उन पर कार्रवाई भी न करती, लेकिन उनके माफी न मांगने के चलते उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया।
पटवारी दिखाना चाह रहे थे दम
निलंबन के बाद जीतू पटवारी भोपाल में अपना दम दिखाने पूरी कोशिश कर रहे थे, लेकिन संगठन प्रभारी द्वारा जारी पत्र में उनके निलंबन के बारे में एक शब्द भी न लिखा जाना कई तरह के सवाल खड़ा कर रहा है। जीतू पटवारी की हालत अब वैसी ही है कि आंखे बंद किए चुप-चुप जिए जा रहा हूं मैं। लोग भी अजीब से हैं, दोस्तों में रकीब से हैं।
हालांकि पटवारी ने अपने समर्थकों से कहा है कि यह मुद्दा (निलंबन वाला)तो क्लोज हो गया, लेकिन अब 13 या 14 तारीख को कांग्रेस पार्टी पुरजोर तरीके से विरोध करेगी और इस बार विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ प्रदर्शन होगा। अध्यक्ष आसंदी पर बैठकर बीजेपी का कार्यकर्ता बनकर काम कर रहा है। किसान, गरीब, जनता के हित में कांग्रेस 13 या 14 तारीख को बड़ा आंदोलन करने जा रही है.