विधानसभा के बजट सत्र से जीतू पटवारी का निलंबन हो सकता है खत्म, अध्यक्ष के खिलाफ भी प्रस्ताव वापस लेगी कांग्रेस!

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The Sootr
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विधानसभा के बजट सत्र से जीतू पटवारी का निलंबन हो सकता है खत्म, अध्यक्ष के खिलाफ भी प्रस्ताव वापस लेगी कांग्रेस!

BHOPAL. मध्यप्रदेश में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को निलंबित कर दिया गया था। अब यह निलंबन खत्म हो सकता है। मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, मुख्यमंत्री शिवराज चौहान और विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के बीच अनौपचारिक चर्चा हो गई है। सदन में नरोत्तम मिश्रा और सज्जन वर्मा नियमों की प्रति फेंकने और फाड़ने को लेकर खेद व्यक्त करेंगे, जिसके बाद जीतू पटवारी से लिखित में सदन में खेद व्यक्त करवाने की तैयारी है। हालांकि जीतू अभी भी माफी नहीं मांगने पर अड़े हुए है। 





जीतू को मनाने में जुटे नेता प्रतिपक्ष 





बताया जा रहा है कि जीतू अगर माफी नहीं भी मांगते हैं तो उनकी तरफ से नेता विपक्ष खेद प्रकट कर मामले के पटाक्षेप की कोशिश करेंगे। वहीं खबर है कि डॉ. गोविंद सिंह जीतू को मनाने की भरपूर कोशिश में लगे हुए हैं। इस मामले के खत्म होते ही कांग्रेस भी विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव वापस ले लेगी।





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3 मार्च को हुई थी निलंबन की कार्रवाई 





मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने 3 मार्च को कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू को पूरे बजट सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया था। इसके बाद सदन में खूब हंगामा हुआ था। कांग्रेस विधायकों ने बीजेपी सरकार और स्पीकर के खिलाफ जमकर नारे लगाए थे। सत्ता पक्ष ने आरोप लगाया था कि जीतू गलत जानकारी देकर सदन को गुमराह कर रहे हैं।





जीतू पटवारी ने बीजेपी पर लगाए थे आरोप





जीतू पटवारी का आरोप था कि बीजेपी के राज में सरकारी पैसे से भाजपा के दफ्तर में पार्टी कार्यकर्ताओं को खाना खिलाया जा रहा है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने जीतू से अपने कथन के पक्ष में सबूत सदन के पटल पर रखने की मांग की थी। जीतू पटवारी ने सरकार की तरफ से पहले दिये गये जवाबों के साथ जो दस्तावेज पटल पर रखे उन्हें स्पीकर ने पर्याप्त नहीं माना। 





बीजेपी सरकार पर बरसी कांग्रेस





पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि जीतू पटवारी को बजट सत्र से निलंबित करना अलोकतांत्रिक कदम है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से निलंबन पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए कहा था कि एक तरफा निलंबन की कार्रवाई विधानसभा की उच्च परंपराओं के अनुकूल नहीं है। कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने जीतू के निलंबन को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कहा था कि साढ़े तीन लाख करोड़ के कर्ज में प्रदेश को डूबा दिया। जब हमने यह प्रश्न किया कि यह पैसा जा कहां रहा है तो हमें पता चला कि भाजपा के लोगों को रैलियों के लिए खाना खिलाया जा रहा है। हमारे पास जीतू द्वारा लगाए गए आरोपों के जवाब थे। जब हमने कहा कि जवाब सदन के पटल पर रखते हैं तो पूरी सरकार स्पीकर के कमरे में भाग गई। शिवराज सिंह चौहान ने स्पीकर पर दवाब बनाकर जीतू पटवारी से खेद जताने के लिए कहा, लेकिन जीतू पटवारी ने कहा मैं एक-एक शब्द पर कायम हूं माफी नहीं मांगूगा बल्कि सरकार को माफी मांगनी चाहिए। तब स्पीकर ने उन्हें निलंबित कर दिया।





मध्य प्रदेश में 13 मार्च को सड़कों पर उतरेगी कांग्रेस





मध्य प्रदेश में इसी साल होने वाले चुनाव के लिए सियासी दलों की कदमताल तेज हो गई है। कांग्रेस विभिन्न जनसमस्याओं को लेकर 13 मार्च को सड़कों पर उतरेगी और अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगी। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के तमाम बड़े नेता भी मौजूद रहने वाले हैं। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी राजीव सिंह और प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने बताया है कि 13 मार्च को दोपहर 12 बजे बड़ी संख्या में प्रदेश भर के सभी वरिष्ठ नेतागण, विधायकगण और कांग्रेसजन जवाहर चौक पर एकत्रित होकर पैदल मार्च करते हुए राजभवन के घेराव के लिए कूच करेंगे।



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