मध्यप्रदेश में चुनावी साल में कमलनाथ का बड़ा दांव, अतिथि विद्वानों और संविदाकर्मियों को नियमित करने का किया वादा

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Rahul Garhwal
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मध्यप्रदेश में चुनावी साल में कमलनाथ का बड़ा दांव, अतिथि विद्वानों और संविदाकर्मियों को नियमित करने का किया वादा

BHOPAL. मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, चुनावी बिसात की गोटियां बिछने लगी हैं। इसी बीच पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बड़ा दांव खेल दिया है। कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों को नियमित कर भविष्य सुरक्षित करेंगे साथ ही सभी विभागों में संविदा पर लगे कर्मचारियों का भी भविष्य सुरक्षित करने का वादा किया।





जीतू पटवारी के नेतृत्व में तैयार हुई थी नोटशीट





कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस की सरकार 12 माह में ही अतिथि विद्वानों के नियमितिकरण की नोटशीट जीतू पटवारी के नेतृत्व में तैयार की थी और प्रक्रिया शुरू कर दी थी, पर जनता के जनादेश के साथ धोखा करके सरकार गिराई गई और हम अपना वचन पत्र पूरा नहीं कर पाए। अब जैसे ही सरकार बनती है अतिथि विद्वान, संविदा कर्मचारी, आउटसोर्स, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि सभी की मांग पूरी की जाएंगी।





विपक्ष में रहते हुए शिवराज भी कर चुके नियमितिकरण का वादा





वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी विपक्ष में रहते हुए अतिथि विद्वानों के नियमितिकरण का वादा कर चुके थे। 16 दिसंबर 2019 को साहजहानी पार्क भोपाल में अतिथि विद्वानों के आंदोलन में शिरकत करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, वीडी शर्मा सहित सभी बीजेपी नेताओं ने अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित करने का वादा किया था। वादा पर आज तक ये अतिथि के अतिथि ही रह गए और इनका धरना प्रदर्शन मांग जारी है।





हर चुनावी साल में अतिथि विद्वान क्यों रहते हैं नेताओं के एजेंडे पर





जब-जब चुनावी वर्ष आता है अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर सियासत गर्म होती है और पक्ष-विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं। जमीनी हकीकत देखी जाए तो इनकी संख्या 4500 है, लेकिन ये अतिथि विद्वान समाज का सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा वर्ग है जो नेट पीएचडी किया है, अनुभवी भी है। साथ ही महाविद्यालय के लाखों युवाओं का नेतृत्व यही अतिथि विद्वान करते हैं। अतिथि विद्वानों के पढ़ाए हुए विद्यार्थियों की संख्या देखी जाए तो करोड़ों में है। यही युवा वोटर हैं प्रदेश के। इसलिए सरकार विपक्ष खूब सियासत करते हैं पर अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित नहीं हुआ।





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जल्द ही बड़ा निर्णय लेंगे अतिथि विद्वान





अतिथि विद्वान महासंघ के मीडिया प्रभारी डॉ. आशीष पांडेय ने कहा कि अतिथि विद्वान प्रवेश, परीक्षा, प्रबंधन, अध्यापन, मूल्यांकन, नैक, रुसा समस्त कार्य करते हैं। अनुभवी हैं और योग्य हैं पर भविष्य सुरक्षित नहीं। कमलनाथ जी ने वादा किया है इसके लिए संघ की तरफ से उनको साधुवाद है। अभी शिवराज सिंह चौहान जी से उम्मीद है कि वो अपना वादा पूरा करेंगे और अतिथि विद्वानों को नियमित कर भविष्य सुरक्षित करेंगे। अतिथि विद्वान जल्द ही बड़ा निर्णय लेंगे। मध्य प्रदेश के करोड़ों युवाओं के साथ।



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