Raipur. मध्यप्रदेश में कांग्रेस के विधानसभा चुनाव के चेहरे पर से पर्दा हट चुका है। पर्दा हटाने का काम भी खुद राहुल गांधी ने किया है। अब लगभग यह तय हो गया है कि पार्टी छिंदवाड़ा नरेश कमलनाथ के चेहरे पर ही 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है। कमलनाथ को आलाकमान से वरदहस्त मिल चुका है। दूसरी तरफ कमलनाथ के विरोध में लगे नेताओं को राहुल गांधी ने नसीहत भी दे दी है।
गुटबाजी छोड़ चुनाव पर दो ध्यान
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने दो टूक कह दिया है कि आपसी कलह की बजाय एकजुट होकर चुनाव लड़ना है। छत्तीसगढ़ की कैपिटल रायपुर में कांग्रेस की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक और राष्ट्रीय अधिवेशन खत्म हो चुका है। अधिवेशन में शामिल मध्यप्रदेश के कई नेता भी यहां पहुंचे थे। यहां उन्हें अगले विधानसभा चुनाव में जाने के लिए जोश भरा गया।
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खबर है कि यहां विरोधी सुर वाले नेताओं जीतू पटवारी, अरुण यादव, अजय सिंह राहुल को सख्त हिदायत दी है। राहुल ने कहा है कि बार-बार आकर किसी की लॉबिंग न करें। मुझे यह बिल्कुल भी पसंद नहीं है। माना जा रहा है कि ये सभी नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर नाराज चल रहे थे। यहां तक कि इस हिदायत के बाद अरुण यादव भी पार्टी की एक अहम बैठक से नदारद रहे।
एआईसीसी की बैठक में कमलनाथ के छिंदवाड़ा मॉडल की भी काफी चर्चा हुई, यह भी तय हुआ है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर की आर्थिक नीति कमलनाथ के छिंदवाड़ा मॉडल की तर्ज पर तैयार होगी। कमलनाथ को छिंदवाड़ा में कमलनाथ के सांसद रहते 40 साल के विकास कार्य के साथ उनके 15 महीने सीएम रहते तैयार हुई योजनाओं की तर्ज पर आर्थिक मसौदा तैयार करने को कहा गया है।
चुनाव में जाने के लिए कांग्रेस की तैयारी भी जमीन पर दिखने लगी है। इसी क्रम में कमलनाथ लगातार मध्य प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। उनका जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं से लगातार संपर्क भी बना हुआ है। ऐसे में पार्टी उन्हें हटाकर कोई रिस्क भी नहीं लेना चाहती।