संजय गुप्ता/योगेश राठौर, DHAR. कारम डैम में पानी का लेवल डाउन हो गया है। डैम की दीवार तोड़कर पानी निकालने की तरकीब काम कर गई और खतरा लगभग टल गया है। डैम में 15 एमसीएम पानी था जिसमें से 11 एमसीएम पानी निकल चुका है। डैम में अब केवल निचले स्तर पर पानी है। पानी का फ्लो भी काफी कम हो गया है। एबी रोड पर ट्रैफिक शुरू कर दिया गया है। नर्मदा के किनारे वाले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। सीएम शिवराज ने पूरी टीम को बधाई दी है। प्रशासन ने देर रात डैम की दीवार को 5 से 7 फीट तक तोड़ा था। रविवार 14 अगस्त को पानी के बहाव की वजह से मिट्टी का कटाव हुआ, जिससे दीवार 15 फीट तक टूट गई। डैम से तेजी के साथ पानी निकला और कारम नदी में बाढ़ के हालात बन गए। प्रशासन ने लगातार आसपास के गांवों को खाली कराया। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
'18 गांवों की जनता को अब कोई संकट नहीं'
सीएम शिवराज ने ट्वीट कर कहा कि मुझे ये बताते हुए प्रसन्नता है कि संकट टल गया है, अब सब सुरक्षित हैं। परसों से हम और पूरी टीम इस अभियान में लगे थे कि लोगों की जिंदगी बचा पायें, पशुओं की जिंदगी बचा पायें। यह बताते हुए मुझे संतोष है कि 18 गांवों की जनता को भी कि अब कोई संकट नहीं है।
मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि संकट टल गया है, अब सब सुरक्षित हैं। परसों से हम और पूरी टीम इस अभियान में लगे थे कि लोगों की जिंदगी बचा पायें, पशुओं की जिंदगी बचा पायें।
यह बताते हुए मुझे संतोष है कि 18 गांवों की जनता को भी कि अब कोई संकट नहीं है। pic.twitter.com/cvJt2v9jFw
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 14, 2022
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, रक्षा मंत्री मा.श्री @rajnathsingh जी व केंद्रीय गृह मंत्री मा.श्री @AmitShah जी का मुझे निरंतर मार्गदर्शन प्राप्त होता रहा। मैं माननीय प्रधानमंत्री जी, मा.रक्षा मंत्री जी और मा.गृह मंत्री जी के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। pic.twitter.com/IVWP9iHNSX
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 14, 2022
बहाव तेज होने के कारण लोगों को हटाया जा रहा है। प्रशासन मुस्तैद है। pic.twitter.com/hzW5LZ4PGX
— TheSootr (@TheSootr) August 14, 2022
कारम नदी में बाढ़ के हालात
कारम नदी में बहाव तेज है। दोपहर तक सूखी पड़ी कारम नदी में भारी मात्रा में पानी आ गया। पहाड़ी पर खड़े होकर कलेक्टर, इंदौर कमिश्नर, आईजी और प्रशासन के अधिकारी नजर बनाए हुए हैं। इंदौर ग्रामीण के आईजी राकेश गुप्ता ने बताया कि AB रोड पर भारी वाहनों के आवागमन पर रोक दिया गया है। किसी भी भारी वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है क्योंकि नदी में पानी का बहाव काफी तेज है। नदी का बहाव महेश्वर तक जाएगा। प्रशासन ने 18 गांवों के लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया है।
प्रशासन ने ऐहतियातन ट्रैफिक रोक दिया है। pic.twitter.com/BXwgRnIGhq
— TheSootr (@TheSootr) August 14, 2022
'सुरक्षा के पूरे इंतजाम, हम इसके लिए तैयार'
इंदौर कमिश्नर पवन शर्मा का कहना है कि बांध की बाईं ओर की दीवार को तोड़ा गया है। 100 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड की स्पीड से पानी निकल रहा है। हमने सुरक्षा के इंतजाम किए हैं, हम इसके लिए तैयार हैं। 18 गांवों को खाली करा दिया गया है। प्रशासन की टीमें हर गांव में तैयार हैं। जनधन और पशुधन को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। पानी का बहाव बढ़ रहा है, डैम के एक सेक्शन तक मिट्टी कटेगी। इसके बाद पानी रुक सकता है। आज की रात प्रशासन को अलर्ट रहने की जरूरत है।
कहां है डैम, कब बनना शुरू हुआ था ?
कारम नदी पर 304 करोड़ के निर्माणाधीन डैम में 12 अगस्त को दरार आ गई थी जिसमें से पानी लीक हो रहा था। कारम मध्यम सिंचाई परियोजना धार जिले के कोठीदा गांव में है। 2018 में शिलान्यास और भूमिपूजन धार जिले के तत्कालीन प्रभारी मंत्री अंतर सिंह आर्य ने किया था। इस बांध को विंध्याचल रेंज की पहाड़ी को दो तरफ से जोड़कर कारम नदी पर बनाया जा रहा है। डैम का हिस्सा नालछा, मांडू, भारूडपुरा, बगड़ी की पहाड़ी से लगा हुआ है। महू-मानपुर से निकलने वाली अजनार नदी आगे चलकर कारम नदी में मिलती है। डैम का निर्माण दिल्ली की कंपनी एएनएस कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. कर रही है। 10 अक्टूबर 2018 से बन रहे इस डैम को 36 महीने में बनकर पूरा होना था। हालांकि कोरोना काल के चलते दो साल इसका काम बंद रहा।
एक्सपर्ट्स ने बताई ये 5 वजहें, जिनकी वजह से हुआ लीकेज
1. इंजीनियर दीवार डिजाइन करते समय इस बात को भूल गए कि उस मिट्टी की दीवार पर सीधे पहाड़ का पानी आएगा, जो उसे कमजोर कर सकता है, इससे निपटने के लिए इंतजाम नहीं थे।
2. बारिश से पहले काम पूरा करने के लिए मिट्टी को ठीक से कूटा नहीं किया। इसी वजह से मिट्टी की दीवार में लीकेज शुरू हो गया।
3. इंजीनियरों ने ठेकेदार से काम जल्दी में पूरा करने के लिए तो कहा लेकिन इसकी गुणवत्ता की मॉनिटरिंग नहीं की। ये भी नहीं देखा कि मिट्टी को सही तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है या नहीं और मिट्टी की मजबूती (स्ट्रैंथनिंग) की गई है या नहीं।
4. जिस दीवार में लीकेज हो रहे हैं, उसका आधा हिस्सा ठीक तरीके से बनाया गया लेकिन आधे हिस्से को जल्दबाजी में तैयार करने से ये नौबत आई।
5. जल्दबाजी में इस बात का ख्याल भी नहीं रखा कि यहां पानी को अवशोषित करने वाली काली मिट्टी की जरूरत थी, यहां आसपास की कच्ची और मुरम वाली मिट्टी बिना एसेसमेंट के भर दी गई।