प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल होने आए कुछ दमदार हिंदुस्तानियों से जानिए क्यों खास है इंदौर, यहां रोजगार की क्या है संभावनाएं

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Jitendra Shrivastava
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प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल होने आए कुछ दमदार हिंदुस्तानियों से जानिए क्यों खास है इंदौर, यहां रोजगार की क्या है संभावनाएं

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल होने आए कुछ ऐसे चुनिंदा लोगों के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में पढ़कर आप गौरव की अनुभूति करेंगे। ये वो भारतीय चेहरे हैं जिन्होंने विदेश में रहकर भारत का मान बढ़ाया है। व्यापार, तकनीक और राजनीति के क्षेत्र में भारत का झंडा विदेशों में बुलंद करने वाले ये लोग बेहद खास हैं, आइए आपको बताते हैं कौन है ये दमदार हिंदुस्तानी...





राजेश अग्रवाल, डिप्टी मेयर लंदन:





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इंदौर के राजेश अग्रवाल को लंदन के नवनिर्वाचित मेयर सादिक खान ने लगातार दूसरी बार डिप्टी मेयर (बिजनेस) नियुक्त किया है। अग्रवाल का कार्यकाल 2024 तक रहेगा। इससे पहले वे जुलाई 2016 में डिप्टी मेयर बने थे। इंदौर के सेंट पॉल स्कूल से शिक्षा हासिल करने वाले अग्रवाल वहां दो कंपनियां संचालित करते हैं, जो मूल रूप से मुद्रा विनिमय सेक्टर में हैं। स्कूल की पढ़ाई करने के बाद शहर के एक निजी महाविद्यालय से उन्होंने मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की। भारत में साल भर नौकरी करने के बाद वह 2001 में लंदन चले गए और विदेशी मुद्रा विनिमय  के क्षेत्र में अपने कारोबार को स्थापित किया। उनकी मां कृष्णकांता अग्रवाल शहर के एक निजी स्कूल में शिक्षिका थीं। जब पाकिस्तानी मूल के सादिक खान महापौर बने तो उन्होंने राजेश पर भरोसा जताया और डिप्टी मेयर बनाया। राजेश उनके कारोबारी सलाहकार थे। अग्रवाल लगातार इंदौर आते रहते हैं, इस कार्यक्रम के लिए भी वह इंदौर आ चुके हैं, महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने उन्हें पान खिलाकर स्वागत किया।





राहुल जैन, कैलीफोर्निया अमेरिका:





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राहुल जैन कैलीफोर्निया अमेरिका में ईबे इंक कंपनी मेंतकनीकी स्टाफ, सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन के सदस्य के रूप में काम कर रहे हैं। द सूत्र को उन्होंने बताया कि मैंने अपनी स्कूली शिक्षा चोइथराम स्कूल इंदौर से की है और महाराष्ट्र से इलेक्ट्रॉनिक्स में बीई किया है और फिर इंदौर से एडवांस कंप्यूटिंग में डिप्लोमा किया है। 2001 में एनआईआईटी इंदौर में एक कंप्यूटर फैकल्टी के रूप में अपना काम शुरू किया और फिर 2003 में मुंबई में टेक महिंद्रा के लिए काम करने का अवसर मिला, मैं 2006 में यूएसए चला गया और तब से अमेरिका में एटी एंड टी बेल लैब्स, कॉग्निजेंट जैसी कई कंपनियों के लिए काम किया। इंदौर को लेकर वह कहते हैं कि आज इंदौर भारत में रहने वाले सबसे बेहतर शहरों में शामिल है। साफ-सफाई, जलवायु, लोगों का व्यवहार इन सभी के चलते यह शहर बेहतरीन है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा इंदौर के लिए कुछ करना चाहते हैं और जो बन सकेगा करूंगा।





रोहन अग्रवाल, जापान:





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इंदौर के रोहन अग्रवाल आज जापान में वेस्टर्न यूनियन में ऑपरेशनंस हैड है। वह बताते हैं कि  एसजीएसआईटीएस, इंदौर से बीई इलेक्ट्रॉनिक्स किया और फिर एडिनबर्ग विश्वविद्यालय (यूके) से पीजी किया।  दोभाषिए के रूप में 17 वर्षों से जापान में काम कर रहे हैं (धाराप्रवाह जापानी पढ़ / लिख / बोल सकते हैं)।  जापान में फ्रेंड्स ऑफ एमपी जापान, एचएसएस जापान, हिंदू टेम्पल्स एसोसिएशन जापान, टीम नेताजी जापान सहित कई संगठनों की स्थापना की और श्री श्री राधा गोविंद मंदिर (जापान का पहला हिंदू मंदिर) के निदेशक मंडल में भी काम किया। रोहन बताते हैं कि इंदौर बड़ी क्षमताओं वाला शहर है और यह अगला मेट्रो बनने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए इंदौर को एयर कनेक्टिविटी और बेहतर करना होगी। इंदौर को लेकर वह कहते हैं कि वह जापानी कंपनियों और एमपी के बीच एक समन्वयक के रूप में कार्य करना चाहूंगा। अगर ऐसा होता है तो मैं निश्चित रूप से इंदौर में और उसके आसपास जापानी कंपनियों की स्थापना में मदद करने के लिए इंदौर वापस रहना पसंद करूंगा। 





विवेक तिवारी, नाइजीरिया:





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विवेक तिवारी नाइजीरिया में साल 2012 से फ्लाइंग डव ग्रुप लागोस में सीएफओ के तौर पर काम कर रहे हैं। इसके पहले इंदौर में ही कुछ कंपनियों में काम किया है। अपनी पढ़ाई के बारे में वह बताते हैं कि मैं एमबीए फाइनेंस ग्रेजुएट हूं और मैंने अपनी पूरी पढ़ाई इंदौर में की है। यह मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत अच्छा अनुभव था क्योंकि इससे मुझे पेशेवर रूप से काफी बढ़ने में मदद मिली। मैंने अपने पिता को बहुत कम उम्र में खो दिया था और इसलिए काफी संघर्ष किया। हालांकि, मैं बहुत खुशकिस्मत था कि मुझे अपने परिवार से समर्थन मिला। इंदौर मेरा गृहनगर होने के नाते मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखता है। मेरा पूरा निवेश इंदौर में ही रहता है। मैं रिटायरमेंट के बाद इंदौर में ही बसने का सोचता हूं। 





नितिन सेठी, यूके:





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नितिन सेठी मैनचेस्टर यूके से हैं, वह 40 साल से वहीं रह रहे हैं। वहां वह कच्चे माल के रासायनिक कारोबार से जुड़े हुए हैं। पढाई इंदौर के स्कूल से की है। जहां नए अवसरों को पता करने और पाने की कोशिश करने की सीख मिली। पूरी दुनिया वह घूम चुके हैं। इंदौर को लेकर वह कहते हैं कि यह भारत का ही नहीं दुनिया का बेहतरीन शहर बन गया है। यहां पर कई तरह के टूरिज्म हो सकते हैं त्योहार टूरिज्म, धार्मिक टूरिज्म, चिकित्सा टूरिज्म आदि। जहां भी जरूरत होगी और जो कर सकूंगा वह इंदौर के लिए करूंगा। इंदौर में एनआरआई केंद्र बनाएं ताकि लोग निवेश और बैक ऑफिस सपोर्ट के लिए सीधे उनसे संपर्क कर सकें। इंदौर विभिन्न पेशेवरों के लिए भर्ती केंद्र हो सकता है जैसे- दंत चिकित्सक, नर्स, डॉक्टर, आईटी विशेषज्ञ, शिक्षण पेशेवर, इंजीनियर।



(साथ में ट्रेनी जर्नलिस्ट जान्हवी राजे भौंसले का इनपुट)



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