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अजय छाबरिया, BHOPAL. शुक्रवार 19 मई को भोपाल में क्षत्रिय समाज ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस प्रेस वार्ता में बताया गया की बागेश्वर धाम के बाबा धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री द्वारा हैहयवंशी क्षत्रिय कलचुरि कलार समाज के भगवान सहस्त्रबाहु पर अपमानजनक टिप्पणी की गई है। इसके विरोध में शनिवार 20 मई को एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन कलचुरी भवन भोपाल में किया जाएगा।
क्षत्रियों की बाबा से मांफी की मांग
धरना प्रदर्शन के संयोजक डॉ. एलएन मालवीय ने कहा की विरुद्ध आंदोलन को राष्ट्रव्यापी रूप दिया जाएगा। साथ ही ये प्रदर्शन तब तक जारी रखा जाएगा जब तक पंडित धीरेन्द्र शास्त्री भगवान सहस्त्रबाहु पर दिए अपने बयान पर माफी नहीं मागेंगे। समाज की ओर से जारी आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा जब तक पंडित धीरेन्द्र शास्त्री अपने गलत बयान पर माफी मांगने पर विवश नहीं हो जाते। अन्यथा उनके खिलाफ एफआईआर की मांग की जाएगी।
क्षत्रिय समाज के लोगों में बहुत आक्रोश है
पुराणों में वर्णित वर्णन के अनुसार भगवान सहस्त्रबाहु हैहयवंशी क्षत्रिय समाज के देवता है। भगवान विष्णु के सुदर्शन चक के अवतार हैं और इस प्रकार उनके मिथ्यापूर्ण बयान से भगवान सहस्त्रबाहु के 18 करोड़ हैहयवंशी क्षत्रिय कल्चुरि समाज के अनुयाईयों की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा है। तभी से हैहयवंशी क्षत्रिय समाज, ताम्रकर समाज, यादव समाज और संपूर्ण क्षत्रिय समाज के लोगों में अत्यंत आक्रोश है। जगह-जगह पर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के विरुद्ध प्रदर्शन, पुतला जलाने और उनकी गिरफ्तारी की मांग भगवान सहस्त्रबाहु के करोड़ों अनुयाईयों द्वारा की जा रही है।
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क्षत्रिय समाज ने पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से मांगा प्रमाण
पूर्व विरोध प्रदर्शन के बाद पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने पहले ट्वीटर पर और फिर दबाव बनने पर वीडियो जारी करते हुए महज अपने बयान के लिए खेद व्यक्त किया था। पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने भगवान सहस्त्रबाहु के बारे में जो भी कहा वह सब कुछ शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार ही कहा था परंतु उनका यह कथन गलत पाया गया। इसी के बाद समाज ने मांग करते हुए कहा कि पंडित धीरेन्द्र शास्त्री को यह बताना चाहिए कि किस शास्त्र में उनकी कही बातें लिखी है।
बागेश्वर धाम के बाबा धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने की थी ये टिप्पणी
अप्रैल 2023 में भगवान परशुराम के संबंध में अपनी एक सभा में व्याख्यान देते हुए पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा "सहस्त्रबाहु जिस वंश से था हैहय वंश हैहय वंश के विनाश के लिए भगवान परशुराम ने फरसा अपने हाथ में उठाया। हैहय वंश का राजा बड़ा ही कुकर्मी, साधुओं पर अत्याचार करने वाला, स्त्रियों पर बलात करने वाले थे।