टीकमगढ़. यहां के रहने वाले तुलसीदास जो दिल्ली में मजदूरी करते हैं, को हाईकोर्ट के आदेश पर सुरक्षा मिली है। इसके चलते वह जब भी दिल्ली से गांव आते हैं तो उनके साथ एक जवान हमेशा तैनात रहता है। दरअसल मवई गांव के एक बैंक मैंनेजर के रिश्वत लेने की जानकारी तुलसीदास ने CBI जबलपुर में कर दी थी, तब से ही उनके ऊपर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है।
5 साल पहले से चल रहा था विवाद
साल 2017 में मवई गांव में केसीसी लिमिट बढ़ाने के लिए तुलसीदास के चाचा घसिया अहिरवार बैंक गए थे तब बैंक मैंनेजर वीरेंद्र कुमार जैन ने उनसे 4 हजार रुपए की रिश्वत मांग थी। तुलसीदास को जब इस बात की जानकारी हुई तब उन्होंने इसकी शिकायत CBI से की।
CBI ने जांच की और 20 सितंबर 2017को बैक मैंनेजर को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। तब से ही मामला भोपाल में चल रहा है। इस ही दौरान तुलसीदास पर मैंनेजर और उनके साथी बयान बदलने का दबाव बनाने लगे थे।
भतीजे की हत्या का शक
गांव से दूर नारगुड़ा के जंगल में 30 मार्च 2021 को तुलसीदास के भतीजे शंकर अहिरवार का शव मिला। इस हत्या का आरोप तुलसीदास ने गांव के कुछ लोगों पर लगाया। पुलिस ने बारीकी से मामले की जांच भी की। इसके बाद मामले की गंभीरता को समझते हुए हाईकोर्ट ने तुलसीदास को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई है।