जबलपुर। बिजली के दामों में बढ़ोतरी के बाद जबलपुर में अब बिजली बिल देखकर उपभोक्ताओं के होश उड़ रहे हैं। ताज्जुब इस बात का है कि जहां मीटर लगे हैं वहां मीटर रीडिंग नहीं हो रही है। वहीं जहां मीटर लगाये जाने हैं, वहां मीटर लगाने की गति बहुत धीमी है। अघोषित बिजली कटौती भी की जा रही है। इन सारी अनियमितताओं पर विद्युत नियामक आयोग ने विद्युत वितरण कंपनी से जवाब तलब किया है साथ ही कंपनी को तीन माह में एक्शन प्लान तैयार करने कहा है।
एनर्जी ऑडिट भी नहीं
एनर्जी एफिशिएंसी रेग्युलेशन 2021 के अनुसार विद्युत वितरण कंपनियों का ऊर्जा ऑडिट होना अनिवार्य है। लेकिन वितरण कंपनियों ने एनर्जी ऑडिट नहीं किया है। वितरण कंपनियों ने मीटरीकरण और एनर्जी ऑडिट का एक्शन प्लान प्रस्तुत नहीं किया है। इस मामले में विद्युत नियामक आयोग ने तीन माह में एक्शन प्लान प्रस्तुत करने निर्देश दिए हैं।
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लक्ष्य कम रखा
नागरिक उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष डॉ पी जी नाजपांडे का कहना है कि पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने आयोग की जानकारी के अनुसार 55 हजार मीटर लगाने का लक्ष्य रखा है। जबकि 31 मार्च 2022 की स्थिति में 3 लाख 11हजार 457 घरेलू कनेक्शन बिना मीटर के चल रहे हैं। खराब मीटर भी नहीं बदले जा रहे हैं, बिना रीडिंग के अनाप शनाप बिल भेजे जा रहे हैं। इस सबसे आम उपभोक्ता को काफी बोझ झेलना पड़ रहा है।
विद्युत ट्रिब्यूनल की मापदंडों को नजरअंदाज किया जा रहा
डॉ नाजपांडे ने बताया कि विद्युत वितरण कंपनियों का मिसमैनेजमेंट इसके लिए जिम्मेदार है जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा। कोई भी नियम बनाते समय नियामक आयोग को यह देखना चाहिए कि विद्युत अधिनियम की धारा 61 के तहत उपभोक्ता के हितों की रक्षा होनी चाहिए। इस दलील के साथ हमने पुनर्विचार याचिका दायर की है। जिस पर आने वाले समय में उपभोक्ताओं के हित के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
बता दें कि नए नियम के तहत बिजली कंपनियां अब हर माह बिजली के दाम बढ़ा सकेंगी। पहले इसके लिए विद्युत नियामक आयोग से मंजूरी लिया जाना जरूरी होता था लेकिन अब बिजली कंपनियों को इससे छूट मिल चुकी है।