Raipur. रविवार को रायपुर में 3 ट्रेनें अपने तय समय से घंटों देरी से पहुंची। ट्रेन का अपने गंतव्य पर लेट पहुंचना भारत में कोई बड़ी बात नहीं हैं, लेकिन रविवार को ट्रेनों की इस लेटलतीफी ने हजारों उम्मीदवारों को सिविल जज की परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया। अकेले मध्यप्रदेश के ही 1500 प्रतिभागी बिना एग्जाम दिए बैरंग लौटे हैं। इसमें भोपाल एवं भोपाल के आसपास के जिलों से 250 से अधिक छात्र शामिल होने वाले थे। इस परीक्षा में आयोग ने करीब 25 हजार एडमिट कार्ड जारी किए थे, जिसमें करीब 10 हजार से अधिक छात्र ही शामिल नहीं हो सके। यह छात्र देशभर अनेक हिस्सों से छत्तीसगढ़ परीक्षा के लिए पहुंचे थे।
बीच का रास्ता निकालने की मांग
देरी से पहुंचने वाले छात्रों में एमपी के अलाव यूपी राजस्थान के छात्र भी शामिल थे। यह परीक्षा 48 पदों के लिए आयोजित की गई थी। भोपाल के छात्र अयूब ने बताया कि मैं अमरकंटक एक्सप्रेस से रायपुर करीब 10.30 बजे पहुंचा। जबकि ट्रेन को करीब सुबह 7.30 बजे पहुंचना था। जब हम एग्जाम सेंटर पहुंचे तो हमें परीक्षा केंद्र में दाखिल नहीं होने दिया गया। मेरे अलावा यहां से मेरे कई दोस्त भी थे जो एग्जाम नहीं दे पाए हैं। छात्रों का कहना है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग हमारी परेशानी को समझे और ऐसे छात्र जो ट्रेन के लेट होने की वजह से एग्जाम नहीं दे पाए उनके लिए कोई रास्ता निकाला जाए।
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कोहरे का मौसम भी नहीं, फिर भी लेटलतीफी
जबलपुर के एक छात्र ऋषभ त्रिपाठी ने बताया कि मैं समता एक्सप्रेस से जा रहा था मेरी ट्रेन रायपुर करीब सुबह 6 बजे पहुंचनी थी मगर यह वहां सुबह 10.30 बजे के बाद पहुंची। मौसम भी साफ है, किसी तरह की कोई धुंध या कोहरा नहीं है। फिर रेलवे की गलती हम लोग क्यों भुगतें। एग्जाम में बैठने नहीं मिला, फिर हम अब वापस लौट रहे हैं।
उम्मीदवारों को एक दिन पहले ही पहुंचना चाहिए
इधर ज्युडिशल लॉक अकादमी से नौशाद खान ने बताया कि छात्र लंबे समय से तैयारी कर रहे थे, मगर छात्रों को चाहिए कि इस तरह के एग्जाम के लिए एक दिन पहले पहुंचे। इसके अलावा रेलवे अधिकारियों का कहना था कि कई बार ऐसा होता है। इसमें छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है या उनकी कोई रिस्पांसबलिटी नहीं है कि वह आगे दोबारा एग्जाम करवाएं। इसमें हमारे अकादमी से करीब दस छात्र शामिल थे जो एग्जाम नहीं दे पाए।
अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं उम्मीदवार
आज कल प्रतियोगी परीक्षाओं का हर छोटा-बड़ा मामला अदालत तक पहुंच रहा है। फिर ये तो सिविल जज की परीक्षा का मामला है। ऐसे में संभावना व्यक्त की जा रही है कि परीक्षा से वंचित उम्मीदवार अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं। अव्वल तो संभावना यह भी है कि अदालत खुद इस गंभीर चूक पर स्वतः संज्ञान ले ले। ऐसे में रेलवे महकमे में भी हड़कंप मचा हुआ है।