Jabalpur. मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद के आह्वान पर गुरूवार को पूरे प्रदेश के वकील न्यायालयीन कार्य से दूरी बनाए रहे। इसका सीधा असर हाईकोर्ट से लेकर जिला अदालतों में देखा गया। अधिवक्ता 25 मार्च तक अदालतों में पैरवी नहीं करेंगे। दरअसल यह सब हाईकोर्ट के उस आदेश के विरोध में हो रहा है जिसमें 25 पुराने मामलों का निराकरण 3 माह में करने के निर्देश समस्त अदालतों को दिए गए थे ।
स्टेट बार कौंसिल के उपाध्यक्ष आरके सिंह सैनी ने बताया कि प्रदेशव्यापी प्रतिवाद दिवस का निर्णय परिषद की सामान्य सभा की बैठक में चर्चा के बाद लिया गया है। जिसके बारे में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पहले अवगत कराया गया था। उन्होंने बताया कि प्रतिवाद दिवस के पहले दिन अधिवक्ता न्यायालयों में उपस्थित नहीं हुए। 24 और 25 मार्च को भी वे न्यायालयीन काम से विरत रहेंगे।
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केवल सुनवाई की तारीखें बढ़ीं
अधिवक्ताओं के अदालतों में गैरहाजिर रहने से हाईकोर्ट की सभी पीठ में इसका असर देखा गया। किसी भी ओर से पक्ष नहीं रखे जाने के चलते पक्षकारों को आगे की तारीख दे दी गई है। उधर जबलपुर जिला बार एसोसिएशन 13 मार्च से ही न्यायालयीन कार्य से विरत है। संघ ने इसी मुद्दे को लेकर प्रतिवाद दिवस का ऐलान किया था। जो 11 दिनों से लगातार जारी है। जिसके चलते जिला कोर्ट का काम पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है।
एक अधिवक्ता को नोटिस भी जारी
स्टेट बार कौंसिल ने इंदौर के एक सीनियर एडवोकेट को कोर्ट रूम में पैरवी करने की जानकारी मिलने के बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अधिवक्ता को 3 दिन में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। बार के वाइस प्रेसीडेंट आरके सिंह सैनी ने बताया प्रतिवाद दिवस के दौरान इंदौर के एक सीनियर एडवोकेट कोर्ट रूम में पैरवी करने गए थे, इसलिए उन्हें नोटिस दिया गया है।