/sootr/media/post_banners/3ab70dbc97a8457134c17bb9cdd81d753586c1fdc94bc000ffd0b19374709f57.png)
भोपाल. प्रदेश के अस्पतालों में बुखार से पीड़ित बच्चों की तादाद बढ़ती जा रही है। डॉक्टर इसे वायरल बुखार (Viral fever) बता रहे हैं। अस्पतालों में बड़ी संख्या में बच्चे इलाज के लिए एडमिट हो रहे हैं। इनमें वायरल फीवर के अलावा डायरिया, निमोनिया, डेंगू (Dengue) के भी मरीज हैं। इतनी संख्या में बच्चों के बीमार होने के कारण अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा गई है। अस्पतालों में बेड की कमी के कारण भोपाल-जबलपुर में एक बेड पर दो-दो बच्चों का इलाज किया जा रहा है। जबकि ग्वालियर (Gwalior) में बीमार बच्चों की संख्या बढ़ने के कारण एक बेड पर तीन-तीन बच्चों को एडमिट (Child treatment) किया गया है।
बीमार बच्चों की संख्या बढ़ी
प्रदेश के ग्वालियर में अब तक 1200 बच्चे वायरल की चपेट में आ चुके हैं। बुधवार को जयारोग्य चिकित्सालय (JAH) की OPD में इलाज के लिए पहुंचे बच्चों की संख्या 180 थी। भोपाल (Bhopal) में सीजनल फ्लू और डेंगू के मरीज बढ़ने से हमीदिया और जयप्रकाश अस्पताल में 80% से ज्यादा बेड फुल हैं। इसके साथ ही रोजाना बीमार बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। इंदौर के अस्पतालों में OPD में भी लगाकर बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। OPD में आने वाले मरीजों में 60% बच्चे वायरल की चपेट में होते हैं।
बुखार के नेचर में बदलाव आया- डॉक्टर
जबलपुर (Jabalpur) के 10 निजी बच्चों के अस्पताल में 600 से अधिक बच्चे डेंगू और वायरल फीवर के भर्ती हैं। यहां के विक्टोरिया जिला अस्पताल में 40 बेड का बच्चों का वार्ड है। इसमें 24 बेड पर 48 बच्चे डेंगू के भर्ती मिले। एक-एक बेड पर दो-दो बच्चे लिटाए गए हैं। GRMC के बाल रोग विभाग के प्रो. डॉ. घनश्यामदास का कहना है कि वायरल के नेचर में बदलाव आया है। इसमें तेज बुखार के साथ तेज दर्द और कमजोरी आ रही है।
तीसरी लहर की तैयारी के दावों की खुली पोल
एक्सपर्ट के मुताबिक देश में अक्टूबर- नवंबर में तीसरी लहर (Corona third wave) की आशंका है। इस लहर में बच्चों को ज्यादा खतरा बताया जा रहा है। क्योंकि बच्चों को वैक्सीन (Vaccine) की डोज नहीं लगी है। सरकार तीसरी लहर की तैयारियों का दावा तो कर रही है। लेकिन प्रदेश में केवल वायरल बुखार से ही अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा गई है।