BHOPAL. साहस और शौर्य की वह गाथा जिसने अराजक होते पड़ोसी के दो टुकड़े कर दिए। युद्ध के मैदान और युद्ध की कूटनीतिक रणनीति की अभूतपूर्व कहानी को महसूस कीजिए शौर्य स्मरण में 16 दिसंबर 2022 को शाम 6:30 बजे। भारतीय सेना के अधिकारियों, युद्ध में शामिल हुए जवानों, वीर माताओं तथा वीरांगनाओं की जुबानी 1971 युद्ध के अभूतपूर्व साहस को पीपुल्स यूनिवर्सिटी के सामने, भानपुर स्थित फूड एवं लिटरेचर कैफे बहुरि अकेला में याद किया जाएगा।
आयोजन है "शौर्य स्मरण" का यानी विजय दिवस का
दरअसल 16 दिसंबर के दिन ही 1971 में भारतीय सेना ने अभूतपूर्व साहस का परिचय देते हुए पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे और बांग्लादेश अस्तित्व में आया था। इसी शौर्य दिवस को याद करते हुए पहली बार भारतीय सेना से जुड़ी अनोखी कहानियां, अनोखे संस्मरण और विदेश नीति सहित कूटनीति में किस तरह भारत में अपने पड़ोसी को मात दी इस पर विस्तृत चर्चा होगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित मेजर जनरल पीएन त्रिपाठी। डॉ.(मेजर) मनोज राजे (आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग द्वारा कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित) द्वारा 1971 के युद्ध की शौर्य गाथा पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
कारगिल युद्ध में शामिल सेना के अधिकारी रहेंगे मौजूद
कार्यक्रम में शौर्य चक्र विजेता नायक बद्रीलाल भंडारी, विंग कमांडर और 1971 वॉर के गवाह रहे कमांडर वीएस रघुवंशी, कारगिल युद्ध में शामिल रहे राजपूत रेजीमेंट के कर्नल हक, कैप्टन पुष्कर चौबे, गोरखा रेजीमेंट के कर्नल जी चौधरी और जूनियर कमांडिंग ऑफिसर आरके दुग्गल भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा सम्मानित वीरमाता श्रीमती निर्मला शर्मा, वीरांगना मिनी जॉय और वीरांगना सविता देवी की गरिमामय उपस्थिति भी कार्यक्रम में रहेगी। कार्यक्रम का संचालन मेजर प्रभाकर सिंह (रिटा.) करेंगे।