BHOPAL. मध्य प्रदेश में ठंडक बढ़ने लगी है। सुबह-शाम ठंड का अहसास बढ़ा है। हालांकि दिन में तीखी धूप है। तापमान भी बढ़ रहा है। तीन-चार दिन बाद तापमान फिर गिरेगा। मौसम केंद्र की रिपोर्ट कहती है कि बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश में मौसम शुष्क रहा। अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। वहीं एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। इससे आने वाले समय में प्रदेश के मौसम में बदलाव हो सकता है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 29 अक्टूबर के बाद एमपी में मौसम बदल सकता है।
एमपी में मौसम का हाल
मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान लगभग सभी संभागों के जिलों में मौसम शुष्क रहा है। हालांकि दिवाली के बाद प्रदूषण के बाद AQI लेवल बढ़ गया था, जो अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। जबलपुर, सागर, नर्मदा पुरम, भोपाल के साथ ग्वालियर संभाग के जिलों में सामान्य से कम तापमान रिकॉर्ड किया गया। सर्वाधिक अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस राजगढ़, धार, रतलाम और उज्जैन में रहा। अभी 5 दिन तक इसी तरह का तापमान रहेगा। इससे पहले दिवाली पर हिमालय में हो रही बर्फबारी के कारण ठंड पड़ रही थी।
प्रदेश के मध्य में एक प्रतिचक्रवात बना
मध्य प्रदेश के मौसम में ठंडक बढ़ने लगी है। इसके पीछे का कारण बताते हुए मौसम विभाग के वैज्ञानिक बताते हैं कि इस समय जमीन में काफी नमी मौजूद है। दिन छोटे होने लगे हैं, इस वजह से जमीन शुष्क नहीं हो पा रही है। मानसून भी देरी से विदा होने से ठंडक बनी हुई है। हालांकि तापमान में उतार-चढ़ाव का सिलसिला अभी तीन-चार दिन तक बना रह सकता है। वर्तमान में प्रदेश के मध्य में एक प्रति चक्रवात बन गया है। इसके चलते ऊपर के स्तर पर हवाओं के साथ नमी आने लगी है। इस वजह से तापमान में कुछ बढ़ोतरी होने लगी है।
तूफान सीतरंग का नहीं होगा असर
बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान सीतरंग का एमपी और सीजी में कोई भयानक असर नहीं पड़ रहा है। हालांकि, हवाओं के नम होने से पारा लगातार गिरता जा रहा है। तूफान बांगलादेश के तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया है। अब इसके मेघालय की ओर बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इस कराण यहां इसका कुछ खास असर नहीं होगा। हालांकि, उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं के कारण ठंड बढ़ सकती है। अब 29 अक्टूबर से नॉर्थ ईस्ट मानसून शुरू हो रहा है। इससे तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के कई इलाकों में अच्छी बारिश होगी। हालांकि मध्यप्रदेश में बारिश के आसार नहीं हैं। इसके बाद ही मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ना शुरू होगी।