BHOPAL. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन में महाकाल लोक का लोकार्पण किया। वाराणसी के बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर के बाद उज्जैन के बाबा महाकाल दूसरे ऐसे ज्योतिर्लिंग हैं, जहां कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। हम आपको वो पांच चीजें बता रहे हैं जो सिर्फ मध्यप्रदेश के पास हैं या मध्यप्रदेश के बाद ही किसी अन्य ने अर्जित की हैं।
1. मध्यप्रदेश का गान
2011 में अपना गान बनाने वाला इकलौता राज्य मध्यप्रदेश है। मध्यप्रदेश के गान को वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव ने लिखा है। एमपी गान है- सुख का दाता सब का साथी शुभ का यह संदेश है, मां की गोद, पिता का आश्रय मेरा मध्यप्रदेश है। हालांकि, 2019 में छत्तीसगढ़ (भूपेश बघेल सरकार) ने भी अपना गान तैयार और अपना लिया था। इस गान को डॉ. नरेंद्र देव वर्मा ने लिखा है।
2. बाघों के मामले में नंबर-1
बाघों के मामले में मध्यप्रदेश देश में नंबर वन है। यहां मंडला के कान्हा पार्क को 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत टाइगर रिजर्व बनाया गया था। अब मध्यप्रदेश 526 बाघों के साथ देश में अव्वल है। 524 बाघों के साथ कर्नाटक का बांदीपुर नेशनल पार्क दूसरे और 442 बाघों के साथ उत्तराखंड का जिम कार्बेट तीसरे स्थान पर है। प्रदेश के 6 नेशनल पार्क कान्हा, पेंच, सतपुड़ा, संजय दुबरी, बांधवगढ़, पन्ना में टाइगर रिजर्व हैं।
3. देश की मात्र दो नदियां जो पूर्व से पश्चिम की ओर बह रही हैं
देश की सिर्फ दो नदियां पूर्व से पश्चिम बह रही हैं और ये नर्मदा और ताप्ती हैं। नर्मदा अमरकंटक से निकलती है और अरब सागर में गिरती है। वहीं, ताप्ती बैतूल के मुलताई से निकलकर अरब सागर में मिलती है।
4. तेंदुआ स्टेट
देश में अब सबसे ज्यादा 3,421 तेंदुए मध्यप्रदेश में हैं। मध्यप्रदेश को यह तमगा कर्नाटक और महाराष्ट्र को पछाड़कर मिला है। 2018 में तेंदुए की स्थिति रिपोर्ट जारी की गई थी। इसके मुताबिक मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा 3 हजार 421, कर्नाटक में 1 हजार 783 और महाराष्ट्र में 1 हजार 690 तेंदुए पाए गए थे।
5. अब चीता स्टेट भी मध्यप्रदेश
70 साल पहले भारत से विलुप्त हुआ चीता मध्यप्रदेश लौट आया है। आखिरी चीते को 1948 में मध्यप्रदेश (अब छत्तीसगढ़) के कोरिया के महाराजा ने मार दिया था। 1952 में भारत सरकार ने चीते को देश से विलुप्त घोषित कर दिया। 17 सितंबर को मध्यप्रदेश के श्योपुर के पालपुर कूनो में नामीबिया से 8 चीते लाए गए। इनमें 5 मादा और 3 नर चीते हैं। खुद नरेंद्र मोदी ने पिंजरे का लीवर उठाकर चीतों को कूनो के अंदर छोड़ा था।