उज्जैन. महाकाल मंदिर 110 दिनों बाद पूरी तरह से खुल चुका है। मंदिर को हाल ही में 23 करोड़ का दान मिला है, लेकिन अब आने वाले वक्त में यहां का प्रसाद भक्तों के लिए महंगा होने वाला है। इसका मुख्य कारण है लड्डू पर होने वाला खर्च। लड्डू में शुध्द घी, मेवा, बेसन, रवा और ड्रायफूट का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी कीमत मार्कट में बढ़ गई। मंदिर परिसर के अनुसार, एक किलोग्राम लड्डू की कीमत 305 रुपए पड़ती है, जबकि भक्तों के लिए यह 260 रुपए में दिया जाता है।
प्रसाद पर 1.27 करोड़ रुपए नुकसान
लड्डू के रेट बहुत जल्द बढ़ने वाले है। इसे लेकर समिति ने बैठक में फैसला लिया। 110 दिनों में 23 करोड़ तक चंदा मिला था। लड्डू को तैयार करने के लिए 9.47 करोड़ रुपए खर्च हुआ है, जबकि 8 करोड़ के लड्डू बिका थे। यानी सीधे तौर पर 1.27 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। महाकाल मंदिर में 260 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से भक्तों को उपलब्ध कराई जा रही है।
हर पैक्ट पर 45 रुपए का नुकसान
महाकाल मंदिर का प्रसाद 45 रुपए का नुकसान हो रहा है। FSSAI की ओर से देश के चुनिंदा मंदिरों में बनने वाली प्रसाद यूनिट को ही यह रेटिंग मिली है। लड्डू प्रसाद तैयार करने के दौरान परिसर में हाइजिन, कर्मचारियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, घी, बेसन, रवा व ड्रायफ्रूट को पूरी तरह से आदर्श स्थिति में खरीदा जाता है।