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Jabalpur. चुनाव ड्यूटी की तर्ज पर अब परीक्षा ड्यूटी पर माध्यमिक शिक्षा मंडल ने स्टाफ को मुआवजा देने का ऐलान किया है। जिसके तहत बोर्ड परीक्षाओं में तैनात शिक्षकों, प्राचार्यों और कर्मचारियों को किसी दुर्घटना में मौत होने या अपाहिज होने पर 1 लाख से लेकर साढ़े 3 लाख तक का मुआवजा उन्हें या उनके आश्रितों को दिया जाएगा।
दरअसल शिक्षक संगठन इसके लिए मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि परीक्षाओं का आयोजन संवेदनशील कार्य है। प्रश्न-पत्रों को सुरक्षित लाना-ले जाना और समय पर परीक्षाएं कराने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इस कार्य में जोखिम भी रहता है। बता दें कि हाल ही में एक शिक्षिका की परीक्षा ड्यूटी से घर लौटते वक्त सड़क हादसे में मौत हो गई थी। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।
मुआवजा राशि तय करने और जांच के लिए समिति का गठन किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी समिति के अध्यक्ष होंगे। जिला शिक्षा अधिकारी, समन्वय केंद्र के प्राचार्य और संबंधित संस्था के प्राचार्य समिति के सदस्य होंगे। जिला स्तर पर प्राप्त प्रकरणों के निराकरण के लिए मंडल स्तर पर अतिरिक्त सचिव अध्यक्ष होंगे। जबकि उपसचिव वित्त अधिकारी,परीक्षा नियंत्रक, पंजीयक परीक्षा सदस्य होंगे। समिति परीक्षण के बाद पीड़ित व्यक्ति के आश्रितों तथा स्थाई विकलांगता, दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा से पीड़ित को मुआवजा राशि प्रदान करेगी।
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50 हजार लोग हैं तैनात
जानकारी के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा मंडल ने प्रदेश भर में हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूल की मुख्य और पूरक परीक्षाओं के लिए करीब 50 हजार शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक स्टाफ को लगाया है। इनकी सुरक्षा के लिहाज से सामूहिक बीमा के एवज में तात्कालिक राहत प्रदान करने के उद्देश्य से माध्यमिक शिक्षा मंडल स्तर पर मुआवजा देने का प्रबंध किया गया है। जबलपुर संभाग में 6 हजार शिक्षकों की तैनाती बोर्ड परीक्षा में की गई है।
संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा डॉ आरके स्वर्णकार ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा मंडल ने परीक्षा ड्यूटी में तैनात लोकसेवकों की कार्य के दौरान मौत होने या दुर्घटना में स्थाई रूप से विकलांग होने पर मुआवजा देने का निर्णय किया है। इस संबंध में सभी डीईओ को अवगत कराया गया है।