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Jabalpur. मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने हाल ही में कुछ नर्सिंग कॉलेजों को सशर्त संबद्धता प्रदान कर दी है। शर्त यह है कि नर्सिंग कॉलेजों अपने हलफनामे में अधोसंरचना, किताबों, उपकरणों और फैकल्टी की जो जानकारी दी है वह यदि गलत पाई गई तो कॉलेज प्रबंधन पर यूनिवर्सिटी 5 लाख रुपए तक का फाइन लगा सकती है। और तो और किसी भी गफलत की एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
फर्जी फैकल्टी की भी होगी जांच
एमयू से मिली जानकारी के अनुसार सत्र 2020-21 की संबद्धता के लिए फर्जी फैकल्टी से संबंधित हर प्रकरण की जांच की जाएगी। सही जानकारी प्रस्तुत न किए जाने पर कॉलेज की संबद्धता आगामी 3 सत्रों के लिए समाप्त कर दी जाएगी। बता दें कि प्रदेश भर के 40 नर्सिंग कॉलेजों ने फैकल्टी, इंफ्रास्टक्चर से लेकर अन्य जरूरी जानकारी के संबंध में एफिडेविट प्रस्तुत किया है। वे नर्सिंग कॉलेज जिनमें फैकल्टी की डुप्लीकेसी के मामले सामने आए, उनकी जांच विश्वविद्यालय द्वारा गठित टीम कर रही है।
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3 दिन में पूरी होगी जांच
विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से बताया गया है कि 3 दिनों में प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों के निरीक्षण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। बता दें कि कई नर्सिंग कॉलेजों ने एक ही फैकल्टी को अपने यहां कार्यरत बता दिया था। इसके अलावा भी फर्जी फैकल्टी के मामले सामने आए थे। जो मुद्दा काफी गर्माया था।
मेडिकल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ पुष्पराज बघेल ने बताया है कि नर्सिंग छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए 40 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों को सशर्त संबद्धता प्रदान की गई है। उनमें से ज्यादातर के हलफनामे प्राप्त हो चुके हैं। गलत तथ्य प्रस्तुत किए जाने पर अर्थदंड और कॉलेज प्रबंधन के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने का भी निर्णय लिया गया है।
ईसी मेंबर्स जता चुके हैं विरोध
इससे पहले कुछ नर्सिंग कॉलेजों को संबद्धता दिए जाने को लेकर ईसी मेंबर्स अपनी आपत्ति जता चुके हैं। उनका आरोप था कि उन्होंने कई कॉलेजों को संबद्धता दिए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी लेकिन बैठक के मिनट्स से उनकी आपत्ति को ही हटा दिया गया और चुपचाप कॉलेजों को संबद्धता प्रदान कर दी गई।