Neemuch. नीमच के जावद में मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने अपनी मांग को लेकर मिलने पहुंचे किसानों से अभद्र व्यवहार किया है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वीडियो में सीधे-सीधे तो नहीं लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मंत्री सखलेचा किसानों से कह रहे हैं कि तुम लोग कुछ लोगों के तलवे चाट रहे हो, जो बदले में सौदा करते हैं। तुम किसके कहने पर आए हो, यह भी मैं जानता हूं। बता दें कि ग्रामीण उनकी जमीनें निजी कंपनियों को लीज पर दिए जाने के विरोध में उनके पास पहुंचे थे।
जावद क्षेत्र के गांव खेड़ा राठौड़ और सुवाखेड़ा के किसान डाक बंगले पर आए मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा से मिलने पहुंचे थे, जहां उन्होंने खनन के लिए अपनी जमीन लीज पर दिए जाने का विरोध किया। किसान मंत्री को अपनी समस्या बताते हुए कह रहे थे कि करीब 1100 बीघा निजी जमीन खनन के लिए वीर दुर्गादास मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड को लीज पर दी गई है जिसका वे विरोध कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों के विरोध करता देख मंत्री सखलेचा नाराज हो गए और नाराजगी जताते हुए तलवे चाटने वाली बात कही, हालांकि वीडियो में वे यह कहते नजर नहीं आ रहे हैं। केवल उनकी आवाज आ रही है।
पता ही नहीं चला और जमीन लीज पर दे दी गई
मंत्री के तलवे चाटने की बात कहते ही किसान शोर मचाने लगे। भड़के किसानों ने कहा कि हमारी जमीन लीज पर दे दी गई और हमें पता ही नहीं चला। ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी हमारी जमीनें विक्रम सीमेंट के नाम लीज पर दे दी गईं थीं। काफी जद्दोजहद के बाद लीज कैंसिल हुई थी। उन्होंने बताया कि खनन के लिए जमीन दिए जाने के बाद सुवाखेड़ा की आसपास की जमीनों पर ब्लास्टिंग करके खोदा जा रहा है।
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लोगों का कहना है कि क्षेत्र की शासकीय चारागाह की 26.362 हेक्टेयर जमीन और 194.681 हेक्टेयर निजी जगह है। इसका कुल क्षेत्रफल 221.043 हेक्टेयर है, यह जमीन वीर दुर्गादास मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड को लीज पर दे दी गई है। ग्रामीणों ने मंत्री और कलेक्टर मयंक अग्रवाल के सामने गुहार लगाई कि हमारी जमीन जो लीज पर दे दी गई है, उसे मुक्त की जाए।
आंदोलन की भी दी चेतावनी
ग्रामीण कृषक देवेंद्र पाटीदार ने कहा कि कंपनी को क्षेत्र की दी गई जमीन में 1100 बीघा निजी जमीन है। 130 बीघा शासकीय जमीन है। कंपनी ने शासकीय जमीन के रास्ते, चारागाह, श्मशान की जमीन के साथ निजी जमीन व पहाड़ी वाली जमीन की भी लीज करवाई है। हम मंत्री जी और उनके कुछ लोगों से मिले हैं। प्रशासन भी दबाव में है। पूर्व में विक्रम सीमेंट ने भी लीज पर जमीन ले ली, और जो वादे किए थे वे पूरे नहीं किए गए। एक बार फिर ग्रामीणों की जमीनें लीज पर दे दी गई। अगर लीज निरस्त नहीं हुई तो आंदोलन करने किसान बाध्य हो जाऐंगे।
जमीन छिन गई तो क्या करेंगे?
किसान महेंद्र यादव ने आरोप लगाया है कि मंत्री और प्रशासन मिले हुए हैं, हम ग्रामीणों की जमीनें ले रहे हैं। हमारी आजीविका का कोई स्त्रोत नहीं है। हम मंत्री सखलेचा और प्रशासन से निवेदन करने आए थे कि हमारी जमीन मुक्त करें, लेकिन यहां अलग ही बात कही गई कि हम किसी के कहने पर आए हैं। मेरी जमीन गई है, मैं ही आऊंगा या कोई और आएगा। एक तरफ सरकार कहती है कि आत्मनिर्भर बनो, जब हमारी जमीनें ही हमसे छीन ली जाए, तो हम क्या करेंगे।
काट छांट कर वीडियो वायरल किया जा रहा
वायरल हो रहे कथित वीडियो पर मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा का कहना है कि किसी और विषय को एक साथ मिक्स कर वीडियो वायरल किया गया है। मेरे साथ कलेक्टर मयंक अग्रवाल भी थे, और यह विषय ग्रामीणों की चर्चा के बाद खत्म हो चुका है। बेवजह वीडियो वायरल कर मुद्दा बनाया जा रहा है।