प्रदेश की अदालतों में साढ़े 22 लाख केस पेंडिंग, केस के बोझ के मामले टॉप 5 में MP

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प्रदेश की अदालतों में साढ़े 22 लाख केस पेंडिंग, केस के बोझ के मामले टॉप 5 में MP

Bhopal.अरुण तिवारी. 50 साल के प्रदीप कुमार पिछले 25 सालों से अदालत के चक्कर काट रहे हैं। मामला उनकी जीविका से जुड़ा हुआ है। निजी कंपनी ने उनको नौकरी से हटाया तो उन्होंने इसे नियम विरुद्ध बताते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेबर कोर्ट, इंडस्टिृयल कोर्ट और अब केस हाईकोर्ट में है। अदालत की तरफ प्रदीप की निगाहें उम्मीद लेकर उठती हैं लेकिन उनको मिलती है सिर्फ एक तारीख। प्रदीप कहते हैं कि नौकरी की उम्र के चंद साल बचे हैं लेकिन नौकरी नहीं मिल पाई। इसका खामियाजा उनका पूरा परिवार उठा रहा है।



मप्र हाईकोर्ट में 4 लाख से ज्यादा केस पेंडिंग



ये कहानी अकेले प्रदीप कुमार की नहीं है। प्रदेश की अदालतों में 22 लाख से ज्यादा केस पेंडिंग हैं। केंद्रीय कानून मंत्रालय की रिपोर्ट अनुसार हाईकोर्ट में 4 लाख 13 हजार467 केस लंबित हैं। जिनमें 2 लाख 56 हजार 719 मामले सिविल के और 1 लाख 56 हजार 748 मामले क्रिमिनल केस शामिल हैं। केस के बोझ के मामले में मध्यप्रदेश, देश के टॉप 5 राज्यों में शामिल हैं। मध्यप्रदेश से आगे इलाहाबाद हाईकोर्ट में 8 लाख 1 हजार 13,मद्रास हाईकोर्ट में 5 लाख 78 हजार 571, राजस्थान हाईकोर्ट में 5 लाख 74 हजार 452 और मुंबई हाईकोर्ट में 5 लाख 63 हजार 810 मामले पेंडिंग हैं।



1 लाख मामले 10 साल से ज्यादा



मप्र हाईकोर्ट में 1 लाख 3 हजार 889 मामलों को चलते हुए दस साल से ज्यादा का वक्त हो गया है। इनमें सिविल के 62548 और क्रिमिनल केस 41 हजार 341 पेंडिंग हैं। 1 लाख 17 हजार 589 केस को पांच से दस साल का समय हो गया है। इनमें 73 हजार 239 सिविल और 44660 क्रिमिनल केस हैं। पांच साल से कम समय के मामले 1 लाख 91 हजार 679 लंबित हैं। इनमें 1 लाख 20 हजार 932 सिविल के और 70 हजार 747 क्रिमिनल केस शामिल हैं।



18 लाख से ज्यादा मामले जिला और अन्य कोर्ट में लंबित



जिला समेत अन्य अदालतों में 18 लाख 40 हजार मामले अपने खात्मे का इंतजार कर रहे हैं। इनमें 3 लाख 77 हजार 780 सिविल और 14 लाख 63 हजार 105 क्रिमिनल केस शामिल हैं। बच्चों के मामले देखने वाली पॉस्को अदालत में 10 हजार 409 मामले पेंडिंग हैं।



हर साल बढ़ रही पेंडेंसी



अदालतों पर हर साल केस का बोझ बढ़ता जा रहा है। कोरोना काल के बाद ये आंकड़ा और बढ़ गया। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में 2019 में 3 लाख 57 हजार 925 मामले पेंडिंग थे जो 2020 में बढ़कर 3 लाख 62 हजार 932 मामले हो गए। वहीं जिला और अन्य अदालतों में 2019 में 14 लाख 55 हजार 435 मामले पेंडिंग थे जो 2020 में बढ़कर 16 लाख 90 हजार 53 हो गए।


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