एवरेस्ट फतह करने वाली मेघा परमार को कमलनाथ ने एंबेसडर बनाया तो शिवराज ने इन पदों से हटाया, अब ''सच''  कहने और छुपाने की जंग

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BP Shrivastava
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एवरेस्ट फतह करने वाली मेघा परमार को कमलनाथ ने एंबेसडर बनाया तो शिवराज ने इन पदों से हटाया, अब ''सच''  कहने और छुपाने की जंग

BHOPAL. सियासत, काजल की कोठरी जैसी है। इसमें जिसने भी एंट्री की, उसके पाक साफ रहने की संभावनाएं बहुत कम रह जाती हैं। हम यहां एवरेस्ट फतह करने वाली मध्यप्रदेश की मेघा परमार के कांग्रेस जॉइन करते ही शुरू हुई कंट्रोवर्सी की बात कर रहे हैं। मेघा परमार को शिवराज सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान और सांची दुग्ध संघ का ब्रांड एंबेसडर बनाया था, लेकिन जैसे ही कमलनाथ ने मेघा को नारा सम्मान योजना का एंबेसडर बनाया, वैसे ही मेघा सरकार के निशाने पर आ गईं और उन्हें तत्काल बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान और सांची दुग्ध संघ के ब्रांड एंबेसडर पद से हटा दिया। अब मेघा के एवरेस्ट फतह को लेकर पहली बार फैलाई गई खबरों समेत उनके बयानों को लेकर वार-पलटवार शुरू हो गया है। इसी बीच पर्वतारोही से नेता बनी मेघा और कोच रत्नेश पांडे के बीच 'सच' कहने और छुपाने को लेकर जुबानी जंग शुरू हो गई है।





कांग्रेस जॉइन करना बीजेपी सरकार को बर्दाश्त नहीं





दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतह करने वाली मध्यप्रदेश की मेघा परमार को शिवराज सरकार ने पिछले दिनों बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान और सांची दुग्ध संघ की ब्रांड एंबेसडर पद से हटा दिया। मेघा के कांग्रेस जॉइन करने के दो दिन के भीतर ही सरकार ने ये कदम उठाया। मेघा का आरोप है कि बीजेपी सरकार को मेरा कांग्रेस में आना बर्दाश्त नहीं हुआ इसलिए उन्होंने मुझे हटा दिया। मैंने पिछले 4 साल में लगातार काम करते हुए शिवराज सरकार की नाकामियों को उजागर किया है। हो सकता है कि ये भी इस फैसला के पीछे का कारण हो।





2019 में मध्यप्रदेश के पहले एवरेस्ट चढ़ने वाले रत्नेश पांडे ने मेघा पर आरोप लगाए थे कि वो झूठी हैं। मेघा ने एवरेस्ट फतह नहीं किया है। वो तो बस महिला कार्ड खेलने में माहिर हैं। इतना ही नहीं, रत्नेश ने मेघा को खुली डिबेट का चैलेंज भी दिया था।





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बिना चढ़े ही खबर फैलाई कि मैंने एवरेस्ट फतह किया





एवरेस्टर रत्नेश पांडे ने कहा, 'मेघा परमार झूठी है। पहली बार मेरी कंपनी के जरिए एवरेस्ट की चढ़ाई पर गई। पूरा चढ़ भी नहीं पाई और वहां से सब जगह खबर फैला दी कि माउंट एवरेस्ट फतह करके वो MP की पहली महिला एवरेस्टर बन गई है। अखबारों में कवरेज मिलने लगी। मैंने उसका हमेशा सपोर्ट किया, लेकिन गलत का सपोर्ट नहीं कर सकता था।' पांडे ने कहा कि इसने जो टाइम बताया कि ढाई-तीन दिन में ये चढ़ाई पूरी करके वापस आ गई है। मुझे शक हुआ। मैंने नेपाल जाकर कन्फर्म किया, ये नहीं चढ़ पाई थी। ये मेरे सामने गिड़गिड़ाई कि मेरे करियर का सवाल है किसी को मत बताना, मैं मर जाऊंगी। 25 लाख कहां से लाऊंगी। पिताजी ने गाय बेचकर भेजा है। इस तरह की कहानियां बताईं। मैं गलत का साथ नहीं दे सकता था, इसलिए मैंने सच सामने रखा।





मैंने उसको समझाया कि ये रिकॉर्ड का सवाल है। 25 लाख सब इंतजाम दोबारा हो जाएगा। तुम चिंता मत करो। फिर इसको स्वीकार करना पड़ा। इसने सबके सामने स्वीकारा कि ये चढ़ाई पूरी नहीं कर पाई है। इसने जितनी बताई है, उतनी भी नहीं चढ़ पाई थी।





सरकार ने स्पॉन्सर किया और 2019 में मैं एवरेस्ट चढ़ गई





मेघा ने बताया कि साल 2019 में मध्यप्रदेश की कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने मुझे माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए स्पॉन्सर किया। 22 मई 2019 को सुबह 5 बजे मैं दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत पर माइनस 52 डिग्री पर जाने वाली MP की पहली लड़की बन कर खड़ी थी। वो दिन मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन था। मेघा के मुताबिक 2016 में जब मैं 23 साल की थी।उस वक्त भी मैंने 6 हजार मीटर के माउंटेन पर चढ़ाई की थी, लेकिन पहली बार में नाकाम रही थी।



 



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