BHOPAL. विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन यानी 21 दिसंबर को कांग्रेस के पेश किए गए अविश्वास पर चर्चा होगी। स्पीकर गिरीश गौतम ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए आज का दिन तय किया है। कांग्रेस ने 51 मुद्दों पर 104 पेज का आरोप-पत्र तैयार किया है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने विधायकों के साथ विधानसभा अध्यक्ष को आरोप पत्र सौंपा है। इससे पहले 2011 में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी।
इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है। पोषण आहार घोटाला, शराब की अवैध बिक्री, महाकाल लोक, ईओडब्ल्यू की भूमिका, नेताओं की सुरक्षा और सम्मान में चूक, विपक्ष के विधायकों से भेदभाव, आदिवासियों के हितों की रक्षा में असफलता, प्रदेश की खराब होती वित्तीय व्यवस्था, सरकार पर लगातार बढ़ते कर्ज, कारम डैम, राम वन गमन पथ को नष्ट करने, गोशालाओं की दुर्दशा, नल जल योजना में भ्रष्टाचार, अविवाहित बेटियों और विधवा महिलाओं को पेंशन न मिलने, अनुकंपा नियुक्ति में बेटियों को नौकरी ना देने जैसे मुद्दों समेत 51 बिंदुओं पर कांग्रेस सरकार पर हमला बोलने की तैयारी में है।
कांग्रेस ने जारी किया व्हिप :
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि हमने 13 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दे दी थी। 51 बिंदुओं को मैंने अपनी ओर से प्रस्तुत किया है। बाकी हमारे साथी विधायक अलग-अलग मुद्दे उठाएंगे। कांग्रेस ने व्हिप जारी कर सभी विधायकों को उपस्थित रहने को कहा है। यदि वोटिंग की नौबत आती है तो कांग्रेस उसके लिए भी तैयार है। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं कराई गई, तो नेता प्रतिपक्ष ऐसे मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे, जिनमें घोटालों के पुख्ता प्रमाण विपक्ष ने एकत्रित कर रखे हैं। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने करीब 13 विधायकों को सदन में सरकार को घेरने के लिए जिम्मेदारी दी है। पूर्व मंत्रियों में जीतू पटवारी और पीसी शर्मा आक्रामक रहेंगे।
सरकार चर्चा के लिए तैयार
अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार भी चर्चा के लिए तैयार है। सरकार के प्रवक्ता और गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सभी सम्माननीय सदस्य सारगर्भित चर्चा करें। बीजेपी विधायक दल की बैठक में भी इस बात पर सहमति बन चुकी है। सभी विधायकों को सदन में उपस्थित रहकर तर्कों और तथ्यों के आधार पर अपनी बात मजबूती से रखने को कहा गया है।
शिवराज सरकार के खिलाफ दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव
विधानसभा के गठन से लेकर 27 बार विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव आ चुके हैं। इनमें सबसे लंबे समय तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा साल 2011 में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल के अविश्वास प्रस्ताव पर हुई थी। 28 नवंबर 2011 से लेकर 29 नवंबर 2011 तक 4 दिनों तक 25 घंटे 24 मिनट तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी। सीएम शिवराज सिंह चौहान के 18 साल के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है।