मप्र में सत्ता-संगठन में उपेक्षा से नाराज BJP नेताओं के दावे? हकीकत- हरेक को मिली सत्ता-संगठन की मलाई, ज्यादातर कई बार के विधायक

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Sunil Shukla
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मप्र में सत्ता-संगठन में उपेक्षा से नाराज BJP नेताओं के दावे? हकीकत- हरेक को मिली सत्ता-संगठन की मलाई, ज्यादातर कई बार के विधायक

BHOPAL. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी पार्टी बीजेपी में बगावत के सुर तेज हो गए हैं। पूर्व मंत्री दीपक जोशी, पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत और सत्यनारायण सत्तन ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलकर जता दिया है कि बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। बताया जा रहा है कि पार्टी में और भी कई बड़े नेता सत्ता और संगठन में पर्याप्त हिस्सेदारी न मिलने से नाराज और बगावत के मूड में हैं। क्या सत्ता और संगठन में वाकई इन नेताओं की उपेक्षा हुई है? ये परखने के लिए द सूत्र ने पार्टी से बगावत की लिस्ट में शुमार नेताओं को चुनावी टिकट के साथ इन्हें सरकार और संगठन में मिली जिम्मेदारियों पर नजर डाली। सामने आया कि बगावत का बिगुल फूंकने वाले ज्यादातर नेताओं को पार्टी ने एक से ज्यादा बार विधानसभा और लोकसभा चुनाव का टिकट दिया है। इतना ही नहीं सरकार में निगम-मंडल के अध्यक्ष से लेकर मंत्री के पद से भी नवाजा है।



जोशी परिवारः 14 बार टिकट, सीएम-मंत्री का पद 

  

आइए बीजेपी के नाराज नेताओं की फेहरिस्त में सबसे पहले नजर डालते हैं दीपक जोशी को मिले चुनावी टिकट और सरकार में जिम्मेदारियों पर। पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी तीन बार देवास जिले से विधायक रह चुके हैं। पार्टी ने उन्हें एक बार बागली और दो बार हाटपिपल्या विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा वे शिवराज सिंह चौहान की सरकार में एक बार मंत्री भी रह चुके हैं। उन्हें सरकार में स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा का राज्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी। जोशी बीजेपी के प्रदेश संगठन में खेल प्रकोष्ठ के संयोजक भी रहे हैं। इससे पहले उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी 8 बार विधानसभा के सदस्य रहे हैं। विधानसभा के अलावा वे दो बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं। इसके अलावा पार्टी ने उन्हें प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष भी बनाया था। इस लिहाज से देखा जाए तो पार्टी ने जोशी परिवार को 14 बार विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा के टिकट से नवाजा है।



भंवर सिंह शेखावतः 3 बार विधायक, अपेक्स बैंक के चेयरमैन 



अब नजर डालते हैं बीजेपी में भंवर सिंह शेखावत के करियर पर। शेखावत तीन बार विधायक रहे हैं। एक बार इंदौर शहर से और दो बार धार के बदनावर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा वे बीजेपी सरकार में अपेक्स बैंक के चेयमैन भी अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 



सत्यनारायण सत्तनः एक बार विधायक, बोर्ड अध्यक्ष

  

बीजेपी की सरकार और संगठन पर इन दिनों जमकर व्यंग्यबाण चलाने वाले वरिष्ठ नेता और जानेमाने सत्यनारायण सत्तन एक बार इंदौर शहर से विधायक रह चुके हें। इसके अलावा वे बीजेपी सरकार में मप्र खादी बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।



नारायण त्रिपाठी: बीजेपी से 2 बार विधायक

   

सतना की मैहर विधानसभा सीट से नारायण त्रिपाठी चार बार के विधायक हैं। वे 2016 के उपचुनाव और 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से चुनाव लड़कर विधायक बने। इससे पहले त्रिपाठी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस से भी विधायक रह चुके हैं। 



अजय विश्नोई : 4 बार विधायक,  कैबिनेट मंत्री 

 

अपने तीखे बयानों से जब-तब बीजेपी की शिवराज सरकार के लिए मुसीबत खड़े करने वाले पूर्व मंत्री अजय विश्नोई जबलपुर के पाटन विधानसभा क्षेत्र से से विधायक हैं। वे चार बार बीजेपी के टिकट पर विधानसभा के सदस्य रहे हैं। इसके अलावा वे बीजेपी सरकार में चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री भी रहे हैं।



अनूप मिश्रा : 4 बार विधायक, सांसद, कैबिनेट मंत्री  



पूर्व प्रधानमंत्री अटलविहारी वाजपेयी के भांजे और ग्वालियर-चंबल अंचल से बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनूप मिश्रा चार बार बीजेपी के विधायक रह चुके है। एक बार वे मुरैना संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सांसद भी रहे हैं। इसके अलावा वे प्रदेश में बीजेपी की सरकार में चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य और जल संसाधन जैसे महत्वपूर्ण विभागों के कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं।


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