एमपी बोर्ड पेपर लीक गिरोह का पर्दाफाश: एक आरोपी गिरफ्तार, टेलीग्राम ग्रुप के जरिए बेचे पेपर, 600 स्टूडेंट्स से  साढ़े तीन लाख ठगे

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BP Shrivastava
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एमपी बोर्ड पेपर लीक गिरोह का पर्दाफाश: एक आरोपी गिरफ्तार, टेलीग्राम ग्रुप के जरिए बेचे पेपर, 600 स्टूडेंट्स से  साढ़े तीन लाख ठगे

BHOPAL. मध्यप्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षाओं के पेपर सोशल मीडिया के द्वारा बेचने वाले गिरोह का क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया है। इस मामले में पुलिस ने शनिवार (18 मार्च) को कौशिक दुबे नामक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है। आरोपी के टेलीग्राम ग्रुप में एमपी बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले 35 हजार छात्र मिले हैं। आरोपी से शुरुआती पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपी ने अकेले 600 स्टूडेंट्स से करीब साढ़े तीन लाख रुपए ठगे हैं। इधर, शनिवार(18 मार्च) को भोपाल में एमपी बोर्ड के 12वीं का पेपर लीक करने के आरोप में चार टीचर्स को भी गिरफ्तार किया गया।





आरोपी चला रहा था 12 टेलीग्राम ग्रुप





इस मामले में पुलिस एक अन्य आरोपी से पूछताछ भी कर रही है। जबकि दो और आरोपियों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है। पुलिस को मामले से जुड़े करीब दर्जनभर टेलीग्राम ग्रुप की जानकारी मिली है। जिनमें पेपेर बेचने का अवैध धंधा चल रहा है। बकौल पुलिस, आरोपी पिछले दो साल से इस तरह की ठगी को अंजाम दे रहा था। पुलिस आरोपी से परीक्षाओं से जुड़े अन्य मामलों में भी पूछताछ कर रही है। डीसीपी क्राइम ब्रांच अमित कुमार ने बताया कि मंडीदीप, रायसेन निवासी कौशिक दुबे पिता श्याम कुमार दुबे को गिरफ्तार किया है। वह बीकॉम थर्ड ईयर का स्टूडेंट है। आरोपी ने टेलीग्राम ग्रुप में बोर्ड एग्जाम पेपर का एक लिंक जनरेट कर 600 से 1000 रुपए में स्टूडेंट को बेचा। आरोपी के पास से एक बैंक पासबुक, मोबाइल, दो सिमकार्ड बरामद हुए हैं। शुक्रवार (17 मार्च) को 10वीं का अंग्रेजी का पेपर लीक हुआ था। इससे पहले 1 मार्च से ही सोशल मीडिया पर लगातार बोर्ड की परीक्षाओं के पर्चे लीक किए जा रहे हैं। इस मामले में बोर्ड ने 4 मार्च को पुलिस कमिश्नर भोपाल को शिकायत की थी।





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इस तरह करता था पेपर लीक 





आरोपी कौशिक दुबे ने सबसे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर एमपी बोर्ड के मोनो का इस्तेमाल कर फर्जी ग्रुप बनाया। इसके बाद 10वीं, 12वीं के प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के नाम पर वह छात्रों से पैसा वसूलता था। पैसे मिलने के बाद स्टूडेंट को पेपर उपलब्ध कराता था। आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह पेपर टेलीग्राम ग्रुप एमपी बोर्ड हेल्प से प्राप्त करता था।





कब-कब हुए पर्चे लीक





    1 मार्च को दसवीं का पहला पेपर एक दिन पहले ही सोशल मीडिया पर लीक हुआ।  11 मार्च को दसवीं का गणित का पेपर 21 मिनट पहले सोशल मीडिया पर सामने आया।  14 मार्च को दसवीं का संस्कृत का पर्चा 50 मिनट पहले सोशल मीडिया पर आ चुका था।





पेपर लीक मामले में चार शिक्षक गिरफ्तार





शनिवार (18 मार्च) को भोपाल में छापेमारी में एमपी बोर्ड की 12वीं की केमिस्ट्री पेपर लीक करने के आरोप में चार टीचर्स को गिरफ्तार किया गया है। विद्यासागर स्कूल में परीक्षा में ड्यूटी कर रहे इन चारों शिक्षकों ने परीक्षा हॉल से पेपर की फोटो खींचकर वायरल किया था। जानकारी के मुताबिक स्कूल के लेक्चरर पवन सिंह, विश्वनाथ सिंह, महिला सुप्रिटेंडेंट और सहायक सुप्रिटेंडेंट को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने बताया कि छात्रों को नकल कराने के मकसद से उन्होंने मोबाइल से पेपर का फोटो खींचकर वायरल किया था।





बोर्ड सचिव ने 4 मार्च को पुलिस से की ​थी शिकायत





पेपर लीक मामले में 12वीं का हिंदी, अंग्रेजी और बायोलॉजी का पेपर भी सोशल मीडिया पर लीक हुआ। माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव ने बताया कि हमने 4 मार्च को पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा था। यह शिकायतें हमने सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ की थी। इसके अलावा हम लगातार पुलिस को सभी तरह के एविडेंस भी दे रहे हैं, जो भी हमें सोशल मीडिया आदि से मिल रहे हैं।





अब तक 9 केंद्राध्यक्षों और  सहायक केंद्राध्यक्षों पर कार्रवाई





पेपर लीक मामलों में अब तक 9 केंद्राध्यक्षों और सहायक केंद्राध्यक्षों पर कार्रवाई की गई है। जिसमें हुकुम चंद लिटोरिया, प्राचार्य, शासकीय हाई स्कूल सिगौरा ब्लॉक घाटीगांव, जिला ग्वालियर; बल सिंह चौहान, शिक्षक, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बोकराटा, बड़वानी; दिलीप सिंह अवस्या, शिक्षक, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लिंबी, बड़वानी; रमाशंकर अहिरवार, टीचर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक ईंटखेड़ी, रायसेन; निर्भय सिंह मवैदी, टीचर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक बीकलपुर, रायसेन; रेखा बैरागी, टीचर, शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जीरापुर राजगढ़; राम सागर शर्मा, टीचर, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, राजगढ़; विवेक कुमार लिटोरिया, टीचर, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, लश्कर जिला ग्वालियर; धनराज पाटीदार, टीचर, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पीपल्याकुलसी, राजगढ़।





 क्या फिर से होंगे लीक पेपर





पुलिस के खुलासे, केंद्राध्यक्षों व सहायक केंद्राध्यक्षों पर विभागीय कार्रवाई से साफ हो चुका है कि पेपर लीक हुए हैं। भले ही एमपी बोर्ड इस मामले को अफवाह बताकर पल्ला झाड़ता रहा है, लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या फिर से माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड लीक हुए पेपर कराएगा। यदि पेपर नहीं हुए तो लीक हुए पेपर पढ़कर परीक्षा देने वाले स्टूडेंट न सिर्फ पास होंगे, बल्कि वह टॉपर्स बन जाएंगे। क्या इससे पढ़ने वाले छात्रों का नुकसान नहीं होगा?





नेता प्रतिपक्ष ने मांगा स्कूली शिक्षा मंत्री से इस्तीफा





गोविंद सिंह ने कहा कि पेपर लीक एक गंभीर मसला है इसके साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग में विद्यार्थी ड्रेस घोटाला, मध्यान्ह भोजन घोटाला, कम्प्यूटर खरीदी घोटाला, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों को अनुरक्षण राशि घोटाले के बाद लगातार प्रश्न पत्र लीक होने से स्पष्ट है कि स्कूल शिक्षा विभाग जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों के निर्वहन में स्कूल शिक्षा मंत्री पूरी तरह से अक्षम साबित हुए है।  नेता प्रतिपक्ष ने स्कूल शिक्षा मंत्री को तत्काल बर्खास्त किये जाने की मांग की है।



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