हरीश दिवेकर, BHOPAL. मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस मुख्य सचिव बने रहेंगे। केंद्र सरकार ने बैंस के रिटायरमेंट यानी 30 नवंबर को 6 महीने का एक्सटेंशन दे दिया। अब बैंस 30 मई को रिटायर होंगे। एमपी में मुख्य सचिव को लेकर चल रहा असमंजस खत्म हो गया है। मौजूदा मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के एक्सटेंशन को लेकर लंबी खींचतान मची हुई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में ना सिर्फ प्रस्ताव भेजा, बल्कि इसके लिए व्यक्तिगत तौर पर दिल्ली जाकर मुलाकात भी की। तब जाकर अंतिम समय में बैंस के एक्सटेंशन को हरी झंडी मिली। सीएस पद की दौड़ में सबसे आगे खुद इकबाल सिंह बैंस, अनुराग जैन और मोहम्मद सुलेमान के नाम चल रहे थे, मुहर बैंस के नाम पर लगी। इस खबर के मामले में द सूत्र ने एक बार फिर लीड किया है।
बैंस के एक्सटेंशन के लिए सीएम को खुद जाकर चर्चा करनी पड़ी
शुरुआत में बैंस के बाद 1989 बैच के सीनियर अफसर अनुराग जैन को सीएस बनाने की पहल हुई थी। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जैन को मुख्य सचिव बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने इच्छा जाहिर की थी, जिस पर पीएम ने जैन की बजाए दूसरा विकल्प तलाशने के संकेत दिए थे। दरअसल, जैन पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट गतिशक्ति योजना को लीड कर रहे हैं, ये प्रोजेक्ट 2024 के चुनाव के लिए काफी अहम माना जा रहा है। जैन की वापसी की संभावनाएं शून्य होने के बाद मुख्यमंत्री ने दूसरे नाम मोहम्मद सुलेमान पर दांव लगाने की बजाय मौजूदा मुख्य सचिव इकबाल सिंह को एक्सटेंशन दिलाने का निर्णय लिया। सूत्रों का कहना है कि बैंस के एक्सटेंशन का मामला डीओपीटी में जाकर अटक गया था, इस मामले में मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत तौर पीएम से चर्चा करना पड़ी, तब जाकर बैंस के रिटायरमेंट वाले दिन (30 नवंबर) को उनका कार्यकाल 6 महीने बढ़ाने का आदेश जारी हो पाया।
एक्सटेंशन के लिए चुनावी साल को बनाया आधार
सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी साल के अगले 6 माह बहुत महत्वपूर्ण होने की बात कहकर इकबाल सिंह बैंस को एक्सटेंशन दिलवाया है। दरअसल सीएम का मानना है कि अगले 6 महीने में विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर अहम फैसले लिए जाने हैं और प्रशासनिक जमावट की जाना है। ऐसे में नए मुख्य सचिव को पदस्थ करने से कई तरह के समन्वय में परेशानी आ सकती है। बैंस की छवि हमेशा से सख्त अधिकारी की रही है। वे प्रशासनिक लिहाज से चुस्त-दुरुस्त अधिकारी माने जाते हैं। इसी के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें अपनी पहली पसंद बनाया है। सीएम शिवराज की सिफारिश पर मोदी सरकार ने इकबाल सिंह बैंस को एक्सटेंशन दे दिया।
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पाठकों के भरोसे पर एक बार फिर खरा उतरा द सूत्र
कई प्रतिष्ठित अखबार और डिजिटल मीडिया ने खबर चलाई कि मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का रिटायरमेंट हो रहा है। एक मीडिया हाउस ने ये न्यूज चलाई कि मुख्य सचिव के लिए अनुराग जैन का नाम फाइनल हो गया है। इन सबको धता बताते हुए द सूत्र ने खबर ब्रेक की कि बैंस ही मुख्य सचिव बने रहेंगे। द सूत्र ने पहले चलाई खबरों में साफतौर पर बताया था कि अनुराग जैन मध्य प्रदेश वापस नहीं आ रहे। हमने ये भी बताया था कि बैंस के नाम पर पेंच फंसने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 28 नवंबर को दिल्ली जाएंगे। ऐसा हुआ भी। सीएम के दिल्ली में अधिकृत लोगों से चर्चा के बाद बैंस के एक्सटेंशन की फाइल आगे बढ़ी और दो दिन (30 नवंबर) ऑर्डर निकल गया।
एक्सटेंशन लेने वाले प्रदेश के चौथे मुख्य सचिव
इकबाल सिंह बैंस प्रदेश के ऐसे चौथे मुख्य सचिव होंगे जिन्हें एक्सटेंशन मिला है। इसके पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने 1958 बैच के सीएस रहे आरपी कपूर को 6 महीने का एक्सटेंशन दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पूर्व में सीएस रहे आर परशुराम और बीपी सिंह को 6-6 महीने का एक्सटेंशन दिला चुके हैं। मुख्य सचिव का एक्सटेंशन अखिल भारतीय डेथ कम रिटायरमेंट रूल्स 1958 के तहत किया जाता है।
बैंस कई विभागों में रहे, कई जिलों में कलेक्टर का जिम्मा संभाला
एमपी के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का लंब प्रशासनिक अनुभव है। इकबाल सिंह बैंस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेहद भरोसेमंद अफसर माने जाते हैं। वे उनके साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव, प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव रह चुके हैं। देश में पहली बार आनंद विभाग का गठन भी उनकी ही पहल पर हुआ था। कृषि, उद्यानिकी, ऊर्जा, विमानन, आबकारी आयुक्त, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य जैसे विभागों में काम कर चुके हैं। सीहोर, खंडवा, गुना और भोपाल कलेक्टर भी रहे हैं। बैंस जुलाई 2013 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) पर संयुक्त सचिव बनकर चले गए थे। बैंस को अगस्त 2014 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र सरकार से रिक्वेस्ट करके वापस बुलाया और अपना प्रमुख सचिव बनाया था।