MP के साइबर हैकर का खुलासा: उप जेल अधीक्षक धोखाधड़ी कराता था; वीडियो वायरल

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MP के साइबर हैकर का खुलासा: उप जेल अधीक्षक धोखाधड़ी कराता था; वीडियो वायरल

भोपाल. उज्जैन सेंट्रल जेल में साइबर हैकिंग (Cyber Hacking) के मामले में नया मोड़ आ गया है। खुद को आईआईटियन (IITian) बताने वाले साइबर हैकर अमर अनंत अग्रवाल का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो जेल अधिकारियों के साथ मिलकर किस तरह ठगी करता था, उसका खुलासा करता नजर आ रहा है। वीडियो में वो उप जेल अधीक्षक (Deputy Superintendent of Ujjain Jail) संतोष लड़िया को डिजिटल धोखाधड़ी के मामले का मास्टरमाइंड (Mastermind) बता रहा है। अमर फिलहाल भोपाल जेल में है। उसका कहना है कि वो (अमर) जेल से कभी बाहर नहीं गया, ऐसे में वो कोई पेमेंट कर नहीं सकता, सारा खेल संतोष लड़िया के जरिए खेला जा रहा था।

क्या है वीडियो में?

वीडियो को देखकर ऐसा लग रहा है, जैसे अमर किसी अधिकारी या पूछताछ करने वाले किसी व्यक्ति को सारी कहानी बयां कर रहा है। वीडियो 3 मिनट 22 सेकंड का है। इसमें कैदी अमर बता रहा है कि संतोष लड़िया (उप जेल अधीक्षक) के कहने पर वो सब करता था। कई होटल्स (Hotels Booking) और कई फ्लाइट (Flights) की बुकिंग की गई। वीडियो में अमर दावा कर रहा है कि यदि उसके अकाउंट का स्टेटमेंट निकाला जाए तो सारी चीजों का खुलासा हो जाएगा। क्योंकि लेनदेन के लिए हमेशा उसका बैंक अकाउंट इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन बुकिंग्स के लिए ईमेल आईडी संतोष लड़िया खुद की इस्तेमाल कराता था। 

अमर का यह भी दावा है कि उससे 3 वेबसाइट बनवाई गईं, जो माइक्रो ब्लागिंग साइट हैं। इसके अलावा एक यूट्यूब चैनल भी बनवाया गया और प्रमोशन के लिए उसके खाते में जमा पैसों का इस्तेमाल किया गया। वीडियो में अमर कुछ दस्तावेज भी दिखा रहा है, लेकिन वीडियो की क्वालिटी बेहतर नहीं होने से उसे पढ़ा नहीं जा सकता। इसके अलावा उसने ये भी खुलासा किया कि हैकिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरण भी डार्कनेट (ऐसा बाजार, जहां ऑनलाइन अवैध तरीके से चीजें खरीदी-बेची जाती हैं) से खरीदे गए थे।

रसूखदारों के फोन हैक कराए

सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, उप जेल अधीक्षक संतोष लड़िया, सहायक जेल अधीक्षक सुरेश गोयल ने कैदी अमर अनंत अग्रवाल से कई बड़े IPS अफसर, जज और कुछ राजनेताओं के फोन और कंप्यूटर्स को मैलवेयर (Malware) के जरिए हैक कराया। हैकिंग के लिए जिन उपकरणों की जरूरत थी, उन्हें डार्कनेट के जरिए खरीदा गया था। फोन और मोबाइल हैक करने के बाद ऑनलाइन पेमेंट और क्रेडिट कार्ड की डीटेल्स जुटाई गईं। इसके बाद महंगे होटल्स और एयर टिकिट्स बुक किए गए। इस सब को अंजाम देने के लिए कैदी अमर को संतोष लड़िया,  सहायक जेल अधीक्षक सुरेश गोयल, प्रहरी धर्मेंद्र नामदेव ने उसे लैपटॉप, पैनड्राइव, इंटरनेट जैसी सुविधाएं मुहैया कराईं। 

ये है पूरा मामला

2018 में पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में अमर अनंत अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था और तब से ही वो भैरवगढ़ (उज्जैन) जेल में बंद था। आरोप है कि इस दौरान संतोष लड़िया और सुरेश गोयल को उसके हैकिंग के हुनर के बारे में पता चला। इसके बाद डिजिटल धोखाधड़ी की शुरुआत हुई। आरोप है कि करोड़ों रुपए की ठगी को अंजाम दिया गया, जिसमें जेल के कई कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं। महीनेभर पहले कैदी अमर अग्रवाल का ट्रांसफर भोपाल जेल में कर दिया गया था। यहां उसने ठगी का खुलासा किया।

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