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BHOPAL. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने छिंदवाड़ा के एसपी विनायक वर्मा को सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने 5 साल पुराने मामले में सुनवाई की। चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डबल बेंच ने डीजीपी सुधीर सक्सेना को एसपी विनायक वर्मा को सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं। आपको बता दें कि छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा एक वारंट तामील नहीं करवा पाए, इसलिए हाईकोर्ट ने उन्हें सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने कहा कि अधिकारी अदालत के आदेश को गंभीरता से नहीं लेते हैं। यहां तक कि शासकीय अधिवक्ता भी इस संबंध में जागरुक नहीं हैं।
गैर जमानती वारंट तामील नहीं करा पाने पर हाईकोर्ट सख्त
गैर जमानती वारंट छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक द्वारा तामील नहीं कराए जाने को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया है कि वे छिंडवाडा पुलिस अधीक्षक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करें। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस अधीक्षक वारंट तामील कराने में असक्षम हैं, इसलिए पुलिस महानिदेशक स्वयं वारंट तामील करवाएं।
हाईकोर्ट ने एसपी को दिए थे वारंट तामील करने के निर्देश
छिंदवाड़ा में बस स्टैंड से 4 फाटक रोड पर एनएचएआई ने तुलसी रामायण संस्कृति मंडल की करीब 1254 वर्ग फीट जमीन अधिग्रहित की थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता वेद प्रकाश नेमा ने बताया कि इसमें से 618 वर्ग फीट का मुआवजा नहीं दिया था। साल 2018 में हाईकोर्ट ने मुआवजा देने के निर्देश दिए थे। जब कार्रवाई नहीं हुई तो अवमानना याचिका दायर की गई। पिछली कई पेशियों से जवाब नहीं आने पर 28 मार्च को कोर्ट ने एनएचएआई के खिलाफ वारंट जारी करने के निर्देश दिए थे। पिछली सुनवाई के दौरान डबल बेंच ने एनएचआई के प्रोजेक्ट अधिकारी अनिल कुमार के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा को तामीली के निर्देश दिए थे।
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एसपी ने वारंट तामील नहीं होने का कारण ट्रांसफर बताया
दरअसल, 28 मार्च को हाईकोर्ट ने उक्त अधिकारी के खिलाफ जमानती वारंट जारी करने के निर्देश दिए थे। वारंट तामील कराने की जिम्मेदारी छिंदवाड़ा एसपी को दी थी। बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान एसपी की ओर से पत्र प्रस्तुत कर बताया गया कि प्रोजेक्ट डायरेक्टर का तबादला हो गया है, इसलिए वारंट तामील नहीं हो पाया। युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है पुलिस अधीक्षक ने हाईकोर्ट रजिस्ट्री को लिखे गए पत्र में जमानती वारंट तामील नहीं होने का कारण स्थानातंरण होना बताया है, जिसमें हम स्तब्ध हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद पुलिस महानिदेशक को निर्देश जारी किए। याचिका पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता वेद प्रकाश नेता और अधिवक्ता विभा पाठक ने पैरवी की।