BHOPAL. मध्य प्रदेश का जय युवा आदिवासी संगठन (JYAS, जयस) आज यानी 16 मई को 10वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस साल मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी हैं। माना जा रहा है कि जयस की इसमें अहम भूमिका हो सकती है। हाल ही में द सूत्र ने खबर चलाई थी कि जयस के दोनों धड़े एक हो चुके हैं। लिहाजा चुनाव में जयस पूरी तैयारी के साथ उतरेगा।
10 साल पहले हुआ था गठन
जयस की स्थापना 16 मई 2013 को मध्य प्रदेश के युवाओं द्वारा की गई थी। इसमें राष्ट्रीय प्रभारी के पद को विलोपित कर राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद बनाया गया। इस पर लोकेश मुजाल्दा की नियुक्ति की गई। जयस संगठन के दूसरे गुट के संरक्षक विधायक डॉ. हीरालाल अलावा माने जाते हैं।
दोनों गुट हुए एक, अब दिखेगी ताकत
मध्यप्रदेश में जयस के दोनों गुट एक हो चुके हैं। अभी तक माना जा रहा था कि जयस किसी राजनीतिक दल के साथ हाथ मिलाकर चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारेगा, लेकिन जयस ने एकजुट होने के बाद साफ कर दिया कि जयस अपनी एक नई राजनीतिक विंग बनाने जा रहा है। इसके नाम का ऐलान बाद में होगा। 2018 के चुनाव में जयस गुटों में बंट गई थी, क्योंकि जयस के संस्थापक सदस्य हीरालाल अलावा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उस समय बाकी संस्थापक सदस्यों का मानना था कि जयस को राजनीति में नहीं उतरना चाहिए, केवल सामाजिक संगठन के तौर पर काम करना चाहिए और इसके बाद ये खाई गहरी होती गई।
इसके बाद सोशल मीडिया पर दोनों गुटों के बीच बेहद खींचतान होने लगी। आदिवासी संगठन में गुटबाजी का फायदा कहीं बाकी राजनीतिक दल ना उठा लें, इसलिए जयस के दोनों गुटों के बीच बैठक हुई और बैठक में सहमति बन गई कि जयस अपनी पॉलिटिकल विंग के साथ राजनीति में उतरेगा। हीरालाल अलावा ने इंटरव्यू में कहा कि जयस के एकजुट होने के बाद आदिवासी हितों की आवाज को मुखर तरीके से उठाया जा सकेगा।
इन इलाकों में है जयस का होल्ड
जयस का मध्य प्रदेश की आदिवासी बाहुल्य सीटों पर तगड़ा होल्ड माना जा रहा है। पिछली बार (2018 में) हीरालाल अलावा कांग्रेस के टिकट पर मनावर से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ समेत कई आदिवासी जिले धार, झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, मंडला, बालाघाट, अनूपपुर, डिंडौरी, राजगढ़, देवास जिलों की कई सीटों पर अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज करवाई है। राजनीतिक पंडितों की मानें तो जयस इस बार मध्य प्रदेश की सत्ता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
थर्ड फ्रंट को समर्थन देगा जयस?
120 विधानसभा सीटों पर दावा करने वाली जयस ने विधानसभा चुनाव में थर्ड फ्रंट को समर्थन देने का ऐलान किया था। जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश मुजाल्दा ने अप्रैल में बताया था कि जयस एक विचारधारा है। लिहाजा पार्टी की तरह चुनाव में उतरने की बजाय किसी अन्य पार्टी को समर्थन दिया जाएगा, लेकिन मुजाल्दा ने साफ किया कि जयस कांग्रेस या बीजेपी के साथ नहीं जाएगी। हालांकि उन्होंने ये बताने से इनकार कर दिया कि जयस थर्ड फ्रंट की किस पार्टी के साथ जाएगी।