उमा के दबाव में सरकार! शिवराज का अफसरों को निर्देश- शराब नीति में ऐसा रास्ता निकालें कि ''''वो'''' भी मान जाएं और रेवेन्यू भी बेअसर रहे

author-image
Atul Tiwari
एडिट
New Update
उमा के दबाव में सरकार! शिवराज का अफसरों को निर्देश- शराब नीति में ऐसा रास्ता निकालें कि ''''वो'''' भी मान जाएं और रेवेन्यू भी बेअसर रहे

BHOPAL. मध्य प्रदेश की पूर्व मु्ख्यमंत्री उमा भारती मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से नई शराब नीति चाहती हैं। इसको लेकर 31 जनवरी को कुछ ट्वीट किए। उमा बीते कई महीनों से मध्य प्रदेश में शराबबंदी आंदोलन छेड़े हुए हैं। हालांकि, जानकारों का कहना है कि उमा को मध्य प्रदेश की नई शराब नीति के लिए दो दिन इंतजार करना पड़ सकता है। 2 फरवरी को दिल्ली में मप्र कैबिनेट की बैठक होनी है, इसी में शिवराज नई शराब नीति का ऐलान कर सकते हैं।



इधर जानकारों के मुताबिक, मध्य प्रदेश सरकार उमा भारती के दबाव में है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों से कहा कि आबकारी नीति में ऐसा रास्ता निकालें कि उमा भी मान जाएं और सरकार के रेवेन्यू पर भी असर न पड़े। उमा ने मांग की है कि अहाते बंद किए जाएं, लेकिन सरकार इन्हें बंद नहीं करना चाहती। ऐसे में बीच का रास्ता निकाला जा रहा है कि अहाते अब सुबह से शाम की जगह शाम 6 से रात 11 बजे तक खोले जाएं।



उमा की मांगों पर निकल सकता है रास्ता



उमा ने ये मांग की है कि स्कूल, धार्मिक परिसर (मंदिर-मस्जिद-गुरुद्वारा-चर्च) के 50 मीटर के अंदर खुली शराब दुकानें बंद की जाएं। यदि सरकार ऐसा करती है तो 60% दुकानें बंद करना होंगी। अभी प्रदेश में 3971 शराब की दुकाने हैं। ऐसे में रास्ता निकाला जा रहा है कि कुछ दुकानें इन जगहों से दूसरी जगह शिफ्ट की जाएं, लेकिन सभी दुकानें ना तो शिफ्ट हो सकती हैं और ना ही बंद। एक्साइज (आबकारी) की प्रस्तावित पॉलिसी में ये भी सुझाव आया था कि 2003 के बाद से प्रदेश में बीजेपी सरकार है, ऐसे में बीजेपी सरकार में मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च के 50 मीटर के दायरे में खुली शराब दुकानें बंद कर ​दी जाएं। इससे ये संदेश जाएगा कि बीजेपी इन संस्थाओं से शराब की दुकानों को दूर रख रही है। सरकार ने उमा के इस सुझाव पर सहमति जताई है कि होर्डिंग्स पर शराब के विज्ञापन दिखाने की बजाय उससे होने वाले विपरीत प्रभावों को प्रमुखता से दिखाया जाए। सरकार अपनी नई पॉलिसी में नशा मुक्ति अभियान के बड़े कैम्पेन का भी हवाला देगी। 



उमा ने ये ट्वीट किए... 




— Uma Bharti (@umasribharti) January 31, 2023




— Uma Bharti (@umasribharti) January 31, 2023



हाल ही में सीएम हाउस पहुंचीं थी उमा



मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पिछले लंबे समय से शराबबंदी को लेकर मध्यप्रदेश में आक्रामक मूड में दिखाई दे रही हैं। उमा ने हाल ही में राजस्थान से मध्य प्रदेश आते समय अवैध रेत उत्खनन को देखकर मुख्यमंत्री से बात करने इच्छा जताई थी और 22 जनवरी को उन्हें सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात का समय मिला था।



उमा ने डाला था मंदिर में डेरा



27 जनवरी को उमा ने भोपाल के अयोध्या नगर स्थित हनुमान और दुर्गा मंदिर पहुंची थीं। कहा था कि 31 जनवरी तक यहां ही रहूंगी। 31 जनवरी को मध्यप्रदेश सरकार की शराब नीति भी डिक्लेयर हो जाएगी, उसको यहीं बैठकर मैं सुनूंगी। ये 50 साल से ज्यादा पुराना हनुमान जी का मंदिर है और 20 साल से ज्यादा पुराना दुर्गा जी का मंदिर है। ठीक सामने सारी मर्यादाओं का उल्लंघन करता हुआ शराब का बहुत बड़ा अहाता है, जो आज की शराब नीति का भी उल्लंघन कर रहा है। 50 मीटर की मर्यादा को वह तोडे़ हुए है। इसलिए मैंने यह सोचा कि 3 दिन यहीं रहूं। 



शराबबंदी को लेकर उमा के बयान



उमा ने कहा था- नियंत्रित शराब वितरण प्रणाली में मध्यप्रदेश ही मॉडल स्टेट बन सकता है। गैर भाजपाई सरकारों ने भी हमारी सरकार की कई चीजें कॉपी की हैं। वे नियंत्रित शराब वितरण प्रणाली पर भी हमें कॉपी करेंगे। मेरा भरोसा टूटा नहीं है, मैं आशान्वित हूं। शिवराज जी से मेरी बहुत रिलेक्स माइंड से बात हुई है। फिर भी मैं क्या करूं? मेरा दिल ही ऐसा है कि मैं थोड़ी सी आशंकित हो गई हूं, इसलिए मैं यहां हनुमान जी और दुर्गा जी की शरण में आकर बैठ गई हूं। 



उमा ये भी बोलीं- मैंने कभी भी शराब पर रोक लगाने के लिए नहीं कहा। मैंने ये कहा था कि मेरा बस चलेगा तो मैं रोक लगा दूंगी। मेरा विश्वास यही है कि शराब बिल्कुल नहीं पीनी चाहिए, लेकिन क्या इस बात को मैं मनवा सकती हूं? मैं एक चीज बनवा सकती हूं कि शराब वितरण प्रणाली के ऊपर नियंत्रण हो जाए।



मध्य प्रदेश में शराबबंदी की पैरोकारी, पर कई यू-टर्न




  •     सितंबर 2020 : ऐलान किया कि शराबबंदी जरूरी है। बीजेपी शासित राज्य ऐसा करें। मध्य प्रदेश से इसकी शुरूआत हो। बाद में बवाल मचा, तो यू-टर्न लिया। कहा कि ऐसा जनजागरण से ही संभव है।


  •     जनवरी-फरवरी 2021 : उमा ने फिर शराबबंदी की जरूरत बताई। आंदोलन करने का ऐलान किया। इसके लिए 8 मार्च 2021 की तारीख दी। उमा के घर पर इसका आयोजन रखा तो खुद उमा गायब हो गई। वे नहीं आई। उनकी गैर-हाजिरी में जन-जागरूकता के नाम पर छोटा सा कार्यक्रम हुआ।

  •     दिसंबर 2021 : उमा ने फिर शराबबंदी की बात कही। शिवराज सरकार को 15 जनवरी 2022 तक का अल्टीमेटम दिया। कहा कि तब तक ठोस कदम नहीं, तो आंदोलन करेंगी। इसमें लट्ठ लेकर उतरने की जरूरत बताई।

  •     जनवरी 2022 : उमा ने वापस यू-टर्न लिया। उमा ने कहा कि अब 14 फरवरी को भोपाल में आंदोलन करेंगी। 

  •     फरवरी 2022 : उमा ने वापस यू-टर्न ले लिया। 13 फरवरी को ट्वीट किया कि अचानक निजी काम से भोपाल आई हूं। अब नर्मदा स्नान के लिए रवाना हो रही हूं। 14 फरवरी के शराबबंदी ऐलान पर चुप्पी साधी।

  •     13 मार्च 2022 : उमा ने भोपाल के बरखेड़ा पठानी इलाके में एक शराब दुकान पर पत्थर फेंका।

  •     14 मार्च 2022 : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखी। इसमें उन्होंने सफाई दी कि मैं भी एक महिला हूं और रोती हुई महिलाओं के सम्मान में मैंने शराब की बोतलों पर पत्थर चलाया।



  • पर सच्चाई कुछ और है...



    मध्य प्रदेश में शराब की तकरीबन 4 हजार दुकानें हैं। जाहिर है कि ये लाइसेंसी हैं और सरकार को इनसे टैक्स मिलता है। लाइसेंस खुद सरकार ने जारी किए हैं। 2023 के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। शिवराज सरकार की पूरी कोशिश होगी कि सरकार बनी रहे। इसके लिए वे किसी को नाराज करने का रिस्क नहीं लेना चाहेंगे। वहीं, उमा मध्य प्रदेश में अपनी राजनीतिक जमीन की तलाश कर रही हैं। मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री रह चुकीं उमा अभी ना तो सांसद हैं और ना ही विधायक। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि शिवराज नई शराब नीति में जो घोषणाएं करते हैं, उससे सरकार का कितना हित होगा और उमा को कितना फायदा मिल पाएगा।  


    MP News एमपी न्यूज MP New Liquor Policy मध्य प्रदेश की नई शराब नीति Uma Bharti Sharab Bandi Andolan Uma Wants MP Liquor Policy Uma Political Future in MP उमा भारती का शराबबंदी आंदोलन उमा चाहती हैं मप्र की नई शराब नीति मप्र में उमा भारती का राजनीतिक भविष्य