देव श्रीमाली, GWALIOR. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने आज एक बड़ा फैसला सुनाते हुए मंगलवार 28 फरवरी से होने वाली नर्सिंग की परीक्षा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। यह फैसला एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया।
ये है पूरा मामला
एडवोकेट जितेंद्र शर्मा ने बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर कर बताया था कि नर्सिंग कॉलेज में पुराने शिक्षण सत्र की मान्यता गलत तरीके से अब दी गई है। यानी कॉलेजों ने वर्ष 2019-2020-2021 की संबद्धता जुलाई 2022 के बीच ली थी जो कि गलत है क्योंकि नियम बनने से पहले ली गई मान्यता गैर कानूनी होती है।
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इसी के आधार पर परीक्षा कराने की योजना थी
याचिका में कहा गया इसी गलत मान्यता के आधार पर 28 फरवरी से परीक्षाएं आयोजित की जा रहीं है। इन पर रोक लगाने का आग्रह कोर्ट से किया गया। हाईकोर्ट की डबल बैंच में जस्टिस रोहित आर्या और जस्टिस मिलिंद फड़के ने सुनवाई के बाद कल से शुरू होने वाले एग्जाम रोक लगा दी।
कॉलेज संचालकों की धांधली के प्रयासों पर फेरा पानी
सबसे मजेदार बात ये है कॉलेज द्वारा नर्सिंग मेडिकल कॉलेज जबलपुर से सांठगांठ करके ये मान्यता सिर्फ एक महीना पहले लेकर फटाफट एग्जाम की तैयारी कर ली गई लेकिन हाईकोर्ट ने उनके प्रयासों पर पानी फेर दिया। एक महीने पहले ली गई मान्यता के आधार पर परीक्षा कराने की थी योजना।