एमपी PSC की दो परीक्षा को लेकर दो फैसले; इंजीनियरिंग परीक्षा में 87 फीसदी पद पर भर्ती, राज्य सेवा के नियमों का हवाला देकर लगी रोक

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Jitendra Shrivastava
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एमपी PSC की दो परीक्षा को लेकर दो फैसले; इंजीनियरिंग परीक्षा में 87 फीसदी पद पर भर्ती, राज्य सेवा के नियमों का हवाला देकर लगी रोक

संजय गुप्ता, INDORE. एमपी लोक सेवा आयोग (पीएससी) अपने ही फैसलों को लेकर लगातार कटघरे में है। अब ताजा मामला राज्य इंजीनियरिंग सेवा-2020 को लेकर है, जिसमें आयोग ने कुल पदों में से 87 फीसदी पद पर अंतिम चयन सूची जारी कर दी है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिए गए 87-13 फीसदी के फार्मूले को ही आधार मानकर पीएससी ने विज्ञप्ति में जारी किए गए चार विभागों के कुल 72 सहायक इंजीनियरों पद में से 87 फीसदी यानी 64 पदों के लिए भर्ती की अंतिम प्रक्रिया पूरी कर मेरिट लिस्ट जारी कर दी है। केवल 13 फीसदी पदों के लिए चयन सूची रोकी गई है। इस परीक्षा में न तो पीएससी ने लिखित परीक्षा वापस ली और ना ही इंटरव्यू वापस लिए। वहीं राज्य सेवा परीक्षा-2019 को लेकर प्री और लिखित दोनों ही परीक्षाओं के रिजल्ट को जीरो कर दोबारा रिजल्ट जारी किए गए। अब जनवरी-2023 में इसके लिए दोबारा लिखित परीक्षा ली जा रही है, जिसे रुकवाने के लिए सफल उम्मीदवार हाईकोर्ट पहुंच गए हैं और साथ ही इसके रिजल्ट को लेकर याचिका भी दायर हो चुकी हैं। 



इंजीनियरिंग परीक्षा में दो साल चली प्रक्रिया



इंजीनियरिंग परीक्षा के लिए दिसंबर-2020 में विज्ञप्ति निकली, नवंबर-2021 में परीक्षा हुई और जनवरी-2022 में रिजल्ट आया। इसके बाद जून-जुलाई 2022 में इंटरव्यू पूरे हुए। सितंबर में सामान्य प्रशासन विभाग से आए 87-13 फीसदी फार्मूले के बाद पीएससी ने जनवरी-2022 के रिजल्ट में कोई संशोधन किए बिना अब 18 नवंबर को फाइनल रिजल्ट जारी कर 87 फीसदी पदों पर अंतिम चयन सूची जारी की है। वहीं 13 फीसदी पदों को होल्ड पर रखा है, जो हाईकोर्ट के अंतिम आदेश पर अनारक्षित वर्ग या ओबीसी वर्ग दोनों में से किसी के भी पक्ष जा सकते हैं।



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एमपी लोक सेवा आयोग का यह है जवाब



इस मामले में पीएससी के प्रवक्ता डॉ. रविंद्र पंचभाई का कहना है कि राज्य सेवा परीक्षा-2019 का मामला अलग है। इसमें रोस्टर नियमों का इश्यू था, इसे लेकर अप्रैल-2022 में हाईकोर्ट ने निर्देश दिए थे, जिसके बाद इसके रिजल्ट को दोबारा जारी कर परीक्षा दोबारा कराने का फैसला लिया गया। वहीं राज्य सेवा परीक्षा-2020 को लेकर पंचभाई ने कहा कि इसके रिजल्ट और परीक्षा को लेकर विधिक सलाह ली गई है, उसके आने के बाद पीएससी आगे फैसला लेगा। उधर राज्य सेवा परीक्षा-2021 के प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट 87-13 फीसदी के फार्मूले से जारी हो चुके हैं, जिसमें अभी लिखित परीक्षा की तारीख तय नहीं है। डॉ. पंचभाई ने यहा कि जिस तरह राज्य इंजीनियरिंग सेवा में 87 फीसदी पदों पर अंतिम चयन प्रक्रिया पूरी की गई है, उसी तरह राज्य सेवा परीक्षा में भी इसी तरह आगे बढेंगे। कम से कम 87 फीसदी पदों पर हाईकोर्ट के अंतिम फैसला या अगले निर्देश तक पूरी भर्ती प्रक्रिया की जाएगी।



हाईकोर्ट में यह चल रहा है



उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2022 में रोस्टर नियमों को लेकर लगी याचिका 542 को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के पैराग्राफ 46.47 में दिए निर्देशों ;रोस्टर नियम रद्द करनेद्ध के क्लेरीफिकेशन को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट की डबल बैंच में भी याचिका लगी थी। जिसे बैंच ने 18 नवंबर को यह कहते हुए निराकृत कर दी कि सिंगल बैंच ही अब पूरे मामले में सुनवाई कर फैसला लेगी, यह सुनवाई 22 नवंबर को होना है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अप्रैल-2022 में हाईकोर्ट के आए फैसलों में कहीं भी पूरे परिणाम को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की कोई बात नहीं थी, लेकिन पीएससी ने अक्टूबर 2022 में जाकर यह फैसला लिया और परीक्षा रिजल्ट ही जीरो कर दिया।


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