SHIVPURI. मध्य प्रदेश में बाघों का कुनबा बढ़ाने की तैयारी है। शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में आज यानी 10 मार्च को 2 बाघ छोड़े जाएंगे। इन बाघों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बाड़े में छोड़ेंगे। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान का एक रोड शो होगा। इसके बाद शिवराज एक सभा को भी संबोधित करेंगे। साथ ही टाइगर मित्रों से चर्चा भी करेंगे।
बांधवगढ़ और सतपुड़ा से दो बाघों को लाया जा चुका है। पन्ना से आने वाली बाघिन घायल है। इस कारण उसे नहीं लाया जा सका। इस बाघिन को ठीक होने के बाद दो से तीन दिन में पहुंचाया जाएगा। बांधवगढ़ से एक मादा टाइगर को यहां लाया गया है। वहीं, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नर्मदापुरम से एक नर बाघ आया है।
एक बाघिन मशक्कत के बाद पन्ना से पकड़ी नहीं गई
शिवपुरी में बांधवगढ़, सतपुड़ा और पन्ना टाइगर रिजर्व से 3 बाघों का लाया जाना है। इनमें पन्ना टाइगर रिजर्व से जिस बाघिन को यहां लाने वाले थे, वह 9 मार्च की रात 10 बजे तक पकड़ी ही नहीं गई थी। 10 मार्च की सुबह 3 बजे से फिर पन्ना टाइगर रिजर्व की टीम ने उसे पकड़ने का रेस्क्यू अभियान चलाया, जो चार घंटे बाद सफल हुआ। सुबह करीब 7 बजे हाथियों की मदद से मादा बाघ पकड़ में आई, जब मेडिकल टीम ने चेक किया तो वह घायल मिली।
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4000 हेक्टेयर में बनाया बड़ा बाड़ा
माधव नेशनल पार्क के सीसीएफ उत्तम शर्मा ने बताया कि पार्क के बीच बलारपुर के कमरा क्रमांक 112 में बाघों की देख-रेख के लिए 4 हजार हेक्टेयर का बड़ा एनक्लोजर (बाड़ा) बनाया गया है। इस एनक्लोजर को तीन हिस्सों में बांटा गया है। बाड़े की ऊंचाई करीब 16 फीट है। तीनों बाघों के लिए अलग-अलग बाड़े बनाए गए हैं। बाड़ों के अंदर बाघों के लिए 6-6 हजार लीटर पानी की क्षमता वाले सॉसर बनाए गए हैं। करीब एक महीने तक इनमें पानी भरकर टेस्टिंग की गई। इनमें पानी भरने के लिए बाहर से ही पाइप का कनेक्शन दिया गया है।
बाघों को लगेंगे सैटेलाइट कॉलर आईडी
सीसीएफ शर्मा ने बताया कि बाघों की सुरक्षा के लिए माधव नेशनल पार्क में पुख्ता इंतजाम हैं। तीनों बाघों को सैटेलाइट कॉलर के साथ लाया जा रहा है। नेशनल पार्क में वायरलेस सिस्टम लगाया गया है। वायरलेस के 6 फिक्स्ड स्टेशन, 11 माउंटेन वाहन और 90 हैंडसेट के जरिए निगरानी की जाएगी।
बाघों के बनाए गए एनक्लोजर के इर्द-गिर्द करीब 6 मचान भी बनाए गए हैं, जिनके जरिए बाघों की निगरानी की जाएगी। विशेष रूप से तीन वाहनों व 18 स्टाफ को टाइगर ट्रेनिंग और मॉनिटरिंग का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इमरजेंसी में एक रेस्क्यू वाहन, एक डॉग स्क्वॉड, उड़नदस्ता भी तैनात किया गया है। इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।