BHOPAL. दिल्ली में आज यानी 2 फरवरी को शिवराज सिंह चौहान के मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक होनी है। ये मीटिंग नवनिर्मित मध्य प्रदेश भवन में होनी है। इस मीटिंग में प्रदेश की नई शराब नीति पर चर्चा हो सकती है। शराबबंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती लगातार आंदोलन छेड़े हुए हैं। हालांकि, नई शराब नीति का ऐलान तयशुदा कैबिनेट बैठक में किया जाएगा। अंदरखाने की खबरों के मुताबिक, नई शराब नीति को लेकर कुछ पेंच हैं। इस पर सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती।इसी साल आखिर में प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होने हैं, लिहाजा सरकार कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखना चाहती।
जानकारों के मुताबिक, मध्य प्रदेश सरकार उमा भारती के दबाव में है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों से कहा कि आबकारी नीति में ऐसा रास्ता निकालें कि उमा भी मान जाएं और सरकार के रेवेन्यू पर भी असर न पड़े। उमा ने मांग की है कि अहाते बंद किए जाएं, लेकिन सरकार इन्हें बंद नहीं करना चाहती। ऐसे में बीच का रास्ता निकाला जा रहा है कि अहाते अब सुबह से शाम की जगह शाम 6 से रात 11 बजे तक खोले जाएं।
उमा की मांगों पर निकल सकता है रास्ता
उमा ने ये मांग की है कि स्कूल, धार्मिक परिसर (मंदिर-मस्जिद-गुरुद्वारा-चर्च) के 50 मीटर के अंदर खुली शराब दुकानें बंद की जाएं। यदि सरकार ऐसा करती है तो 60% दुकानें बंद करना होंगी। अभी प्रदेश में 3971 शराब की दुकाने हैं। ऐसे में रास्ता निकाला जा रहा है कि कुछ दुकानें इन जगहों से दूसरी जगह शिफ्ट की जाएं, लेकिन सभी दुकानें ना तो शिफ्ट हो सकती हैं और ना ही बंद। एक्साइज (आबकारी) की प्रस्तावित पॉलिसी में ये भी सुझाव आया था कि 2003 के बाद से प्रदेश में बीजेपी सरकार है, ऐसे में बीजेपी सरकार में मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च के 50 मीटर के दायरे में खुली शराब दुकानें बंद कर दी जाएं। इससे ये संदेश जाएगा कि बीजेपी इन संस्थाओं से शराब की दुकानों को दूर रख रही है। सरकार ने उमा के इस सुझाव पर सहमति जताई है कि होर्डिंग्स पर शराब के विज्ञापन दिखाने की बजाय उससे होने वाले विपरीत प्रभावों को प्रमुखता से दिखाया जाए। सरकार अपनी नई पॉलिसी में नशा मुक्ति अभियान के बड़े कैम्पेन का भी हवाला देगी।