MP-TET पेपर लीक : मंत्री क्यों दे रहे क्लीनचिट जबकि जांच अधूरी, पढ़ें रिपोर्ट

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MP-TET पेपर लीक : मंत्री क्यों दे रहे क्लीनचिट जबकि जांच अधूरी, पढ़ें रिपोर्ट

भोपाल. मध्यप्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-3 का पेपर वायरल होने के बाद बवाल मचा हुआ है। एक तरफ युवा इसका विरोध कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है। 25 मार्च को परीक्षा के आखिरी दिन पेपर का स्क्रीनशॉट बाहर आने के बाद सरकार खुद को बचाने की कोशिश में जुट गई है। जांच शुरू होने से पहले ही शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार कह चुके हैं कि परीक्षा रद्द नहीं होंगी। दूसरी तरफ सागर के जिस एग्जाम सेंटर से पेपर लीक हुआ वह परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे के कॉलेज का है। इस बात का जैसे ही खुलासा हुआ तो गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा बचाव में सामने आए। नरोत्तम ने कहा, जिस कॉलेज से पर्चा लीक होने की बात सामने आ रही है, उसे कंपनी ने किराए पर लिया था। मंत्रियों की हड़बड़ाहट से अब मामले में धांधली का शक और बढ़ने लगा है। 









मंत्रियों में हड़बड़ाहट क्यों ?





पेपर लीक मामले में जांच से पहले ही स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने यह बयान दिया कि परीक्षा रद्द नहीं होगी। परमार को जांच से पहले ये मालूम कैसे चला कि पेपर लीक नहीं है। सागर में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के कॉलेज से पर्चा लीक की बात जांच में सामने आई तो गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र ने सफाई दे दी। गृहमंत्री को कैसे मालूम कि इसमें मंत्री की कोई भूमिका नहीं है। PEB बार-बार क्यों दोहरा रहा है कि ये लीक नहीं है, जबकि अभी जांच पूरी नहीं हुई है। मंत्रियों की इसी जल्दबाजी से घोटाले का शक बढ़ता जा रहा है।









MAPIT कर रही मामले की जांच





MAPIT के अधिकारी पेपर लीक मामले की जांच कर रहे हैं। सागर के कॉलेज से बरामद वो कम्प्यूटर, लॉगबुक और परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी MAPIT को हैंडओवर कर दिए गए हैं। जांच अधिकारी इस बात का अध्ययन कर रहे हैं कि आखिर स्क्रीनशॉट कैसे बाहर आया? इसका क्या मकसद था?









पहले भी हुए हैं ऐसे घोटाले





फरवरी 2021 में आयोजित ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी की परीक्षा भी PEB ने ऑनलाइन कराई थी। इसमें बहुत ही औसत छात्र मेरिट में आए। पहले पीईबी ने गलती नहीं मानी, लेकिन जब जांच शुरू हुई तो पता चला कि प्रश्न पत्र पहले ही डाउनलोड हो चुके थे। इसकी जांच में ये भी पता चला कि जो छात्र मेरिट में आए। उन्होंने 15 मिनट में 100 अंक का पर्चा हल कर लिया था। इसके लिए 1 घंटे का समय निर्धारित था।



ऐसा ही एक और घोटाला जनवरी 2021 में ही ग्रुप डी और स्टॉफ नर्स की परीक्षा में सामने आया था। PEB ने ऑनलाइन आयोजित की थी। इसमें भी शिकायत की जांच में पाया गया कि किसी अनाधिकृत कम्प्यूटर पर प्रश्न पत्र डाउनलोड हुआ था। इस आधार पर ये परीक्षा भी रद्द की गई। 



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